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राष्ट्रीय लोक अदालत में 331 विवादों का समाधान

जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा सफीदों नरवाना व जींद की न्यायिक परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न प्रकार के 676 मामले समाधान के लिए रखे गए। इनमें से 331 का आपसी सहमति से समाधान कर लिया गया। इस दौरान कुल 5 करोड़ 1 लाख 36 हजार 902 रुपये की समझौता राशि की रिकवरी हुई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Mar 2019 07:58 AM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 07:58 AM (IST)
राष्ट्रीय लोक अदालत में 331 विवादों का समाधान
राष्ट्रीय लोक अदालत में 331 विवादों का समाधान

जागरण संवाददाता, जींद : जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा सफीदों, नरवाना व जींद की न्यायिक परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न प्रकार के 676 मामले समाधान के लिए रखे गए। इनमें से 331 का आपसी सहमति से समाधान कर लिया गया। इस दौरान कुल 5 करोड़ 1 लाख 36 हजार 902 रुपये की समझौता राशि की रिकवरी हुई।

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जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ईशा खत्री ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिकाधिक विवादों का निपटारा करने के लिए जिला मुख्यालय पर तीन कोर्ट लगाई गई। इनमें अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश अजय परासर, अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर), अतिरिक्त मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गुनीत अरोड़ा तथा सीनियर जज सीनियर डिविजन, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी खत्री सौरभ की अदालत शामिल रही। इसी प्रकार सफीदों तथा नरवाना में भी बैंच बनाए गए थे।

ईशा खत्री ने बताया कि इस लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन के छोटे- मोटे ऐसे 229 विवाद जो अभी तक कोर्ट में नहीं आए हैं, समाधान के लिए रखे गए। इनमें से 167 केसों को आपसी सहमति से सुलझा लिया गया। इन केसों में 3 करोड़ 22 हजार 982 रुपये की समझौता राशि रिकवर हुई। इसी प्रकार 447 ऐसे लंबित मामले थे, जो विभिन्न अदालतों में चल रहे थे, इनमें से 164 विवादों का समाधान कर लिया गया। उन्होंने बताया कि बैंक रिकवरी के 228 केसों में से 163 का समाधान कर लिया गया। इसमें 2 करोड़ 90 लाख 76 हजार रुपये से अधिक की रिकवरी हुई। इसी प्रकार वाहन दुर्घटना अधिनियम के 45 केसों में से 26 का निपटारा कर लिया गया और एक करोड़ 47 लाख 40 हजार रुपये की रिकवरी हुई। एनआई एक्ट चेक बाउंस आदि के 23 केसों में से तीन का निपटारा हुआ और 14 लाख 41 हजार 400 रुपये की रिकवरी हुई। सिविल के 326 केसों में से 125 का निपटारा कर लिया गया और 48 लाख 79 हजार रुपये से अधिक की रिकवरी हुई।


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