कड़ाके की ठंड में खुले बरामदों में बैठकर पढ़ने को मजबूर हजारों विद्यार्थी
सरकारी स्कूलों में भवन कंडम होने व पर्याप्त कमरे नहीं होने के कारण कक्षाएं खुले में लगती हैं। कड़ाके की ठंड में भी हजारों विद्यार्थी खुले आसमान के नीचे व बरामदों में जमीन पर बैठने को मजबूर हैं।
बिजेंद्र मलिक, जींद
सरकारी स्कूलों में भवन कंडम होने व पर्याप्त कमरे नहीं होने के कारण कक्षाएं खुले में लगती हैं। कड़ाके की ठंड में भी हजारों विद्यार्थी खुले आसमान के नीचे व बरामदों में जमीन पर बैठने को मजबूर हैं। बडनपुर गांव के सरकारी स्कूल में कक्षा नौ से 12 तक 17 सेक्शन हैं और आठ कमरे हैं। करीब 750 विद्यार्थी हैं। गर्मियों में कक्षाएं बाहर पेड़ों के नीचे लगती हैं। सर्दियों में धूप निकलने पर बाहर व धूप ना निकलने पर बरामदे में कक्षाएं लगानी पड़ती हैं। शिक्षकों का कहना है कि तीन साल पहले नए कमरे बनाने के लिए डिमांड विभाग को भेजी थी। लेकिन अभी तक कमरों का निर्माण नहीं हुआ। इसी तरह मालवी गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में भी पर्याप्त कमरे नहीं है। वहीं जींद में भिवानी रोड पर स्थित बाल आश्रम स्कूल में भवन की कमी के कारण दो शिफ्टों में कक्षाएं लगती हैं। शिक्षा विभाग की ज्वाइंट डायरेक्टर भी पिछले दिनों यहां निरीक्षण के लिए पहुंची थी। उन्होंने भी इस स्कूल में भवन की कमी को माना था।
कई स्कूलों में हैं कंडम भवन
जिले में काफी संख्या में जर्जर भवन हैं। समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय द्वारा स्कूलों से आई रिपोर्ट के अनुसार असुरक्षित भवनों की सूची तैयार कर मुख्यालय को भेजी गई थी। जिसमें पहली लिस्ट में 72 स्कूलों में 304 कमरे खराब हालत में थे। जो कक्षाएं लगाने के लिए सुरक्षित नहीं थे। इन स्कूलों में 289 कमरे असुरक्षित घोषित हो चुके हैं। वहीं इन स्कूलों में 135 अतिरिक्त कमरों की और जरूरत है। इनमें पिल्लूखेड़ा ब्लॉक के नौ, नरवाना के नौ, जुलाना के 12, अलेवा के आठ, जींद के 18, उचाना के चार व सफीदों ब्लॉक के 11 स्कूल हैं। वहीं दूसरी सूची में 64 स्कूलों के असुरक्षित भवनों की है। इन स्कूलों में कुल 807 कमरे हैं, जिनमें से 324 भवन कंडम घोषित हो चुके हैं। जिनमें नरवाना ब्लॉक के सबसे ज्यादा 17, जुलाना के 16, अलेवा ब्लॉक के सात, जींद के तीन व उचाना में तीन, पिल्लूखेड़ा ब्लॉक के नौ, सफीदों के नौ स्कूल शामिल हैं।
मुख्यालय को भेजी हुई है डिमांड
समग्र शिक्षा विभाग में भवन निर्माण से संबंधित कार्य देखने वाले एसडीओ अनिल दूहन ने बताया कि समय-समय पर स्कूलों से कंडम भवनों की सूची व नए कमरों की डिमांड भेजी जाती है। पहली व दूसरी लिस्ट में शामिल ज्यादातर स्कूलों में कंडम कमरों की बोली हो चुकी है। कई स्कूलों में नए भवन बन चुके हैं। कुछ स्कूल बचते हैं। कई स्कूलों की डिमांड मुख्यालय भेजी हुई है। वहीं बाकी स्कूलों से भी उनके यहां असुरक्षित कमरों की सूची मंगवा कर डिमांड भेजी जाएगी।
रूपगढ़ में 150 लड़कियों के लिए दो कमरे
रूपगढ़ गांव के लड़कियों के प्राइमरी स्कूल में भवन जर्जर हालत में है। करीब 150 लड़कियां हैं और बैठने के लिए केवल दो कमरे। सरपंच संदीप अहलावत ने बताया कि भवन की कमी से बच्चों को परेशानी हो रही है। इस बारे में कई बार प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है।