नहीं मिल रहा आढ़तियों को बारदाना, हजारों क्विंटल गेहूं खुले में
पंद्रह दिन पहले खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदी गई गेहूं के बारदाना न मिलने से आढ़तियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हजारों क्विंटल गेहूं खुले में है। आढ़तियों को डर है कि अगर बारिश हो गई तो जो गेहूं खुले में है वो खराब हो जाएगा। आढ़तियों ने कहा कि खरीद एजेंसी बारदाना नहीं दे रही है। ऐसे में अगर गेहूं खराब बारिश से होती है तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
संवाद सूत्र, उचाना : पंद्रह दिन पहले खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदी गई गेहूं के बारदाना न मिलने से आढ़तियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हजारों क्विंटल गेहूं खुले में है। आढ़तियों को डर है कि अगर बारिश हो गई तो जो गेहूं खुले में है वो खराब हो जाएगा। आढ़तियों ने कहा कि खरीद एजेंसी बारदाना नहीं दे रही है। ऐसे में अगर गेहूं खराब बारिश से होती है तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। बार-बार बारदाना को लेकर खरीद एजेंसियों के अधिकारियों से मिल चुके है लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है। एजेंसी अधिकारी कहते है कि खरीद के हिसाब से बारदाना आ चुकी है। बारदाना खरीद के हिसाब से आ चुका है तो वो अब तक क्यों नहीं आढ़तियों को मिल रहा है इसकी जांच खरीद एजेंसी करें।
सत्यनारायण, जगदीप, रामनिवास, बलवान ने कहा कि गेहूं की खरीद को पंद्रह दिन हो गए है। बारदान अब तक नहीं मिल रहा है। हजारों क्विंटल गेहूं खुले में है। मंडी में गेहूं के सीजन में जगह न होने पर मंडी के आस-पास में गेहूं आढ़तियों ने उतरवाई हुई है। बारिश हो जाती है तो यह गेहूं खराब हो जाएगी। ऐसे में आढ़तियों की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। पंद्रह दिनों तक अगर खरीदी गई गेहूं का बारदाना नहीं मिलेगा तो आढ़तियों को कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। हैफेड, फूड सप्लाई विभाग का बारदाना नहीं मिल रहा है। मार्केट कमेटी सचिव जोगिद्र सिंह ने कहा कि वो खरीद एजेंसियों से पता करेंगे कि खरीद के बाद बारदाना क्यों नहीं दिया जा रहा है।