खटकड़ टोल पर 28 को होगा सर्वधर्म सम्मेलन
खटकड़ टोल पर किसानों का धरना तीनों कृषि कानूनों के विरोध में 59वें दिन भी जारी रहा।
संवाद सूत्र, उचाना : खटकड़ टोल पर किसानों का धरना तीनों कृषि कानूनों के विरोध में 59वें दिन भी जारी रहा। किसानों ने केंद्र, प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रोष प्रकट किया। धरने की अध्यक्षता वीरेंद्र उचाना कलां ने की। उचाना कलां, उचाना खुर्द, काकड़ोद, नचार खेड़ा, उदयपुर, दुर्जनपुर बुडायन, मखंड, खापड़, खेड़ी मंसानिया, दरोली खेड़ा, सेढ़ा माजरा से किसानों ने हिस्सा लिया। धरने पर निरंतर संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से हर रोज आसपास से 15 गांवों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। भाकियू जिलाध्यक्ष आजाद पालवां ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री का कहना है कि भीड़ से कानून नहीं बदले जाते। भाजपा नेताओं को पता होना चाहिए भीड़ कानून ही नहीं, बल्कि सरकार बदल देती है। महापंचायतों में जो भीड़ उमड़ रही है, उसको केंद्र सरकार समझते हुए तीनों कानूनों को रद करे। किसान आज अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है। कितने दिनों से दिल्ली के चारों ओर बॉर्डर पर किसान शांतिपूर्वक तरीके से धरना दे रहे हैं। संयुक्त मोर्चा के आह्वान 23 को पगड़ी संभाल दिवस, 24 को दमन दिवस, 26 को युवा जागरूक दिवस, 27 को संत गुरु रविदास, चंद्रशेखर आजाद का बलिदान दिवस मनाया जाएगा। 28 को सर्वधर्म सम्मेलन का आयोजन होगा। धरने पर निरंतर किसानों की संख्या बढ़ रही है। किसान अब मन बना चुका है कि वो तीनों कृषि कानूनों को रद करवाकर ही घर वापसी करेगा। केंद्र सरकार को चाहिए कि वो हठ छोड़े। भाजपा नेता बताएं कि ये कानून किस तरह से किसानों के हक में हैं। कानून बनने से पहले गोदाम तैयार हो गए, जिससे साफ है कि इन कानूनों का फायदा कुछ बड़े लोगों को होगा। सतबीर पहलवान ने कहा कि सर्वसम्मति से फैसला लिया जा चुका है कि भाजपा, जजपा का कोई भी मंत्री, विधायक गांव में आएगा तो उसका विरोध होगा। मौके पर बिजेंद्र सिधु, जयप्रकाश, अमरजीत, अनीष, पूर्व सरपंच भरत सिंह, ज्ञानी राम उचाना कलां, बालकिशन काब्रच्छा, हरिकेश, फकीरचंद छापड़ा, टेकराम छातर, ओमप्रकाश शर्मा, बीरा घोघड़िया, जयदीप रधाना, बिरखा राम, पनमेश्वरी देवी, कृष्णा खटकड़, सुमित्रा देवी, कमला जुलानी सहित अन्य मौजूद रहे।