किसान आंदोलन तोड़ने की खूब हुई कोशिश
किसान नेताओं ने कहा कि पांच महीने से खटकड़ टोल पर धरना चल रहा है। तभी से वाहनों के आने-जाने के लिए टोल टैक्स फ्री करवाया हुआ है। इस दौरान आंदोलन को तोड़ने की कई बार कोशिश हुई लेकिन किसान आंदोलन मजबूत हो गया।
संवाद सूत्र, उचाना : खटकड़ टोल प्लाजा पर किसानों के धरने में वीरवार को बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। किसान नेताओं ने कहा कि पांच महीने से खटकड़ टोल पर धरना चल रहा है। तभी से वाहनों के आने-जाने के लिए टोल टैक्स फ्री करवाया हुआ है। इस दौरान आंदोलन को तोड़ने की कई बार कोशिश हुई, लेकिन किसान आंदोलन मजबूत हो गया।
खटकड़ टोल पर किसानों को संबोधित करने के लिए वीरवार को हिसार के रामायण के पास चल रहे किसानों के धरने से प्रतिनिधिमंडल पहुंचा। किसान नेताओं ने कहा कि 24 मई को जींद के किसानों ने हिसार पहुंचकर आंदोलन को मजबूती दी। हमें भविष्य भी इसी तरह एकजुट रहना है।
इससे पहले वीरवार को मेवा सिंह बड़ौदा की अध्यक्षता में दिनभर चले धरने पर किसान संदीप, जगदीश, साहब सिंह, बलदेव सिंह, सुखबीर बड़ौदा सांकेतिक अनशन पर रहे। वहीं, जींद से व्यापारियों ने भी किसानों के धरने पर पहुंचकर समर्थन दिया।
किसान नेता विकास सींसर ने कहा कि किसान, मजदूरों की एकता ने शासन, प्रशासन को झुकने पर मजबूर किया। जिस प्रशासन ने किसानों के साथ हुई बातचीत के बाद भी किसान नेताओं पर धारा 307 सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए थे, किसानों की भीड़ देखकर उसी ने दर्ज हुए मामलों को रद करने की बात मान ली।
इस मौके पर सूरजमल, महाबीर कंप्यूटर, ईर्श्वर बंसल, राधेश्याम, सुरेंद्र गर्ग, शीला जुलानी, सिक्किम सफा खेड़ी, प्रिया, कुलबीर मलिक, विकास सींसर, कुलदीप खरड़, रिमन नैन, अन्नु सुरा, सुरेश, जंगीर पालवां मौजूद रहे। चढूनी जैसे नेता सस्ती लोकप्रियता के लिए दे रहे अनाप-शनाप बयान
संवाद सूत्र, उचाना : अखिल भारतीय जाट महासभा, जींद के जिला प्रधान विकास सफा खेड़ी और ब्लॉक उचाना के उप प्रधान ईश्वर खेड़ी मसानिया ने भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के अध्यक्ष व संयुक्त मोर्चा के सदस्य गुरनाम चढ़ूनी द्वारा दिए गए बयान की कड़े शब्दों में निदा की। विकास ने कहा कि किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत और उनका परिवार किसानों के हक के लिए लगातार लड़ता आ रहा है। चढ़ूनी कांग्रेस पार्टी के नेताओं के इशारे पर किसान आंदोलन को कमजोर करने के लिए इस तरह की अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। वह इसकी कड़े शब्दों में निदा करते हैं। किसान आंदोलन पूरे देश में एकजुटता के साथ फैला हुआ है। किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को रद करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी किसान हित में अपना बयान वापस लें।