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गांवों में रुका विकास का पहिया, नई पंचायतों को नहीं मिली ग्रांट

जागरण संवाददाता, जींद : जिले के गांवों में सालभर से विकास का पहिया रुका हुआ है। प्रदेश म

By Edited By: Published: Mon, 28 Nov 2016 12:52 AM (IST)Updated: Mon, 28 Nov 2016 12:52 AM (IST)
गांवों में रुका विकास का पहिया, नई पंचायतों को नहीं मिली ग्रांट

जागरण संवाददाता, जींद : जिले के गांवों में सालभर से विकास का पहिया रुका हुआ है। प्रदेश में पिछले साल दिसंबर में पंचायत चुनाव हुए थे। गांवों में नए पढ़े-लिखे पंच-सरपंच चुनकर आए थे। तब ग्रामीणों में विश्वास जगा था कि अब गांवों में विकास की बयार बहेगी लेकिन समय बीतने के साथ उनकी सभी उम्मीदें धरी की धरी रह गई।

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गांवों में शहरों की तरह सुविधाएं देने का दावा करने वाली भाजपा सरकार ने सालभर बाद भी पंचायतों को विकास कार्यो के लिए फूटी कौड़ी नहीं दी है। इसके चलते गांवों में समस्याओं के अंबार लग गए हैं। ग्रांट के लिए पंच-सरपंच अफसरों और भाजपा नेताओं के पास चक्कर काट रहे हैं। मंत्रियों से भी गुहार लगा चुके हैं लेकिन कहीं से कोई राहत की किरण नजर नहीं आ रही है।

बुझ रहा उम्मीद का दीया

जींद ब्लॉक की सरपंच एसोसिएशन के प्रधान और गांव रूपगढ़ के युवा सरपंच संदीप कुमार ने बताया कि पंचायत चुनाव के दौरान सरकार ने शैक्षणिक शर्ते लगाकर उम्मीद जगाई थी कि वह पढ़ी-लिखी पंचायतों के जरिए गांवों में तेजी से विकास कराएगी। इसी आस में युवाओं ने अपने गांवों की सूरत बदलने के लिए पंचायत चुनाव में ताल ठोकी थी लेकिन चुनाव के सालभर बाद भी सरकार ने नई पंचायतों से कोई संवाद नहीं किया है।

फूटी कौड़ी भी नहीं दी

उन्होंने कहा कि अब तक विकास के लिए फूटी कौड़ी नहीं दी गई है। इसके चलते सभी गांवों में मूलभूत सुविधाओं को भी लोग तरस गए हैं। अधिकतर गांवों में गलियां टूटी पड़ी हैं। पंचायतें रेजुलेशन पास करके अधिकारियों तक पहुंचा चुकी हैं लेकिन ग्रांट न होने के कारण कोई काम शुरू नहीं हो पाए हैं।

गलियों में बदतर स्थिति

जाजवान की सरपंच सविता ने बताया कि गांव की सभी गलियों की हालत खराब है। इसके चलते गंदे पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। दो चौपालों का निर्माण किया जाना है और दो चौपालों की मरम्मत की जानी है। स्कूल की चहारदीवारी को ऊंचा उठाना है। इन सभी कामों के रेजुलेशन पास हो चुके हैं लेकिन कोई पैसा नहीं है।

ऊंट के मुंह में जीरा

सरपंचों की ताजपोशी को 11 माह बीत चुके हैं लेकिन अभी तक जींद, उचाना व नरवाना के विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य करवाने के लिए फूटी कौड़ी नहीं मिली है। कुछ दिन पहले ही जुलाना विधानसभा क्षेत्र के 66 गांवों के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।

एक गली भी नहीं बन सकती

खेमाखेड़ी के सरपंच कृष्ण ने कहा कि पूरे जुलाना ब्लॉक के लिए 10 करोड़ राशि में से आबादी के अनुसार प्रत्येक गांव को 10 से 15 लाख रुपये विकास कार्यो के लिए मिले हैं। इतनी राशि से तो गांव में एक गली का भी निर्माण नहीं हो सकता।


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