ऑक्सीजन प्लांट पर क्षमता से अधिक लोड होने से बिगड़ रहे हालात
स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो एक समय में पांच से छह वेंटिलेटर ही चल सकते हैं लेकिन मरीजों की गंभीर हालात देखते हुए कई बार नौ वेंटिलेटर चलाने पड़ते हैं।
जागरण संवाददाता, जींद : नागरिक अस्पताल के नए भवन के पास लगाए गए ऑक्सीजन प्लांट पर क्षमता से ज्यादा लोड बना हुआ है। नए भवन के कोविड वार्ड में 50 कोरोना पॉजिटिव को दाखिल किया गया है। सभी मरीजों को ऑक्सीजन की सपोर्ट मिल रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो एक समय में पांच से छह वेंटिलेटर ही चल सकते हैं, लेकिन मरीजों की गंभीर हालात देखते हुए कई बार नौ वेंटिलेटर चलाने पड़ते हैं।
वेंटिलेटर में ऑक्सीजन की खपत ज्यादा होने के कारण फ्लो कम हो जाता है और लोड बढ़ने से प्लांट में तकनीकी खराबी होने का डर बना रहता है। अगर इस दौरान किसी मरीज का वेंटिलेटर थोड़ी देर के लिए बंद करते हैं तो मरीज के साथ आए लोग विरोध करने लगते हैं। बुधवार को भी जब प्लांट में खराबी आई उस समय भी नौ वेंटिलेटर चल रहे थे।
वीरवार को प्लांट से ऑक्सीजन का फ्लो कम होते ही हड़कंप मच गया। कर्मचारियों ने तुरंत सप्लाई को प्लांट से हटाकर सिलेंडरों पर चालू किया। सिलेंडरों से ऑक्सीजन सपोर्ट पर मौजूद मरीजों का तो काम चल गया, लेकिन प्रेशर कम होने के कारण वेंटिलेटर नहीं चल पाए। इस कारण तीन मरीजों की मौत हो गई।
नागरिक अस्पताल के एसएमओ डा. गोपाल गोयल ने बताया कि अस्पताल प्रशासन द्वारा तीनों मरीजों को बचाने के तमाम प्रयास किए गए, लेकिन हम उन्हें नहीं बचा सके। ऑक्सीजन की कमी तथ्यों से परे है। निमोनिया के कारण तीनों मरीजों के फेफड़े भी काफी कमजोर हो चुके थे। डॉक्टरों की टीम द्वारा इनकी गंभीर हालत को देखते हुए वेंटिलेटर के मोड को भी बदल कर देखा गया था। जिस समय तीनों मरीजों की मौत हुई उस समय 3000 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन उपलब्ध थी। वीरवार को भी 2600 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन का स्टॉक टैंक में उपलब्ध है। वेंटिलेटर पर एडमिट सभी मरीजों के पास डा. अरुण व वेंटिलेटर टेक्नीशियन मनजीत लगातार नजर बनाए हुए हैं।
अचानक फ्लो हो गया कम
गांव रधाना निवासी सुनील ने बताया कि उनका मरीज प्रदीप वेंटिलेटर पर था। बुधवार शाम को अचानक ही फ्लो कम हो गया और वेंटिलेटर पर मौजूद नौ मरीजों में से तीन की सांसें उखड़ने लगी। स्वास्थ्य कर्मियों ने वेंटिलेटर से हटाकर ऑक्सीजन सपोर्ट दी गई, लेकिन इसी दौरान उसकी मौत हो गई। मरीजों की मौत के काफी देर के बाद ऑक्सीजन का फ्लो सामान्य हुआ।