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पेराई क्षमता बढ़ाने का दूसरे चरण का काम नहीं हुआ शुरू, किसानों ने जताया रोष

पेराई क्षमता बढ़ाने के लिए दूसरे चरण का काम शुरू नहीं होने पर काफी संख्या में किसान सोमवार को शुगर मिल में पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 08:00 AM (IST)
पेराई क्षमता बढ़ाने का दूसरे चरण का काम नहीं हुआ शुरू, किसानों ने जताया रोष
पेराई क्षमता बढ़ाने का दूसरे चरण का काम नहीं हुआ शुरू, किसानों ने जताया रोष

जागरण संवाददाता, जींद : पेराई क्षमता बढ़ाने के लिए दूसरे चरण का काम शुरू नहीं होने पर काफी संख्या में किसान सोमवार को शुगर मिल में पहुंचे। काम शुरू होने में देरी के लिए मिल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए किसानों ने रोष जताया और जल्द काम शुरू करने की मांग की। इस गन्ने का रकबा बढ़ा है। ऐसे में अगर सीजन शुरू होने से पहले पेराई क्षमता नहीं बढ़ी, तो किसानों का लाखों क्विंटल गन्ना शुगर मिल नहीं ले पाएगा। दोपहर को उचाना के एसडीएम व मिल के एमडी राजेश कोथ कार्यालय पहुंचे और किसानों से मिले। इस दौरान किसानों ने शुगर मिल की पेराई क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ किसानों के विश्राम करने के लिए हॉल बनाने, कैंटीन की व्यवस्था व अन्य मांगें भी रखी। गन्ना उत्पादक किसान विक्रम, बंटी, शमशेर, ऋषिपाल का कहना है कि पिछले कार्यकाल में सीएम मनोहर लाल ने मिल की पेराई क्षमता 16 हजार से बढ़ा कर 22 हजार क्विंटल प्रतिदिन करनी थी। इसका एक चरण का काम पूरा हो चुका है। दूसरे चरण का काम मई में पेराई सीजन खत्म होने के साथ ही शुरू हो जाना चाहिए था। ताकि नए सीजन की शुरुआत से पहले काम पूरा हो जाता। लेकिन मिल प्रबंधन अब तक दूसरे चरण के काम के टेंडर भी नहीं लगा पाया है। ऐसे में टेंडर प्रक्रिया में ही काफी समय लग जाएगा और दीपावली से पहले पेराई का नया सीजन शुरू हो जाएगा। मिल की पेराई क्षमता कम होने के कारण किसानों का पूरा गन्ना मिल प्रबंधन नहीं ले पाएगा।

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2718 एकड़ बढ़ा रकबा

पिछली बार क्षेत्र में 13250 एकड़ में गन्ना था। इस बार 15968 एकड़ में गन्ना है और 2718 एकड़ रकबा बढ़ा है। इससे गन्ने का उत्पादन करीब पांच क्विंटल और बढ़ जाएगा। पिछले सत्र में 285500 क्विटल गन्ने की पेराई हुई थी और 25 मई तक मिल चलाना पड़ा था। अगर नया सीजन शुरू होने से पहले मिल की क्षमता नहीं बढ़ी, तो मिल किसानों का सारा गन्ना नहीं ले पाएगा। जिसके कारण किसानों को पंजाब, उत्तर प्रदेश के शुगर मिलों में गन्ना लेकर जाना पड़ सकता है।

वर्जन

पेराई क्षमता बढ़ाने का पहले चरण का काम पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में 25 करोड़ रुपये से काम होना है। इसकी डीपीआर तैयार हो चुकी है। जल्द ही टेंडर मांगे जाएंगे। कोरोना काल के चलते इसकी प्रक्रिया में देरी हुई। गन्ने का रकबा बढ़ा है। सभी किसानों का गन्ना लिया जाएगा। इसके लिए शुगर मिल को समय से पहले बढ़ाने, दूसरे मिल में गन्ना भेजने या जो भी किसानों के हित में होगा, वो कदम उठाया जाएगा।

-राजेश कोथ, एमडी शुगर मिल जींद


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