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स्वजन बोले, बच्चे का हो डीएनए, जांच के लिए कमेटी गठित

गायनी वार्ड में नवजात बच्ची को बदलने के आरोप के बाद नागरिक अस्पताल प्रशासन ने वीरवार को डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला के नेतृत्व में तीन डॉक्टरों की कमेटी का गठन हुआ।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 08:37 AM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 08:37 AM (IST)
स्वजन बोले, बच्चे का हो डीएनए, जांच के लिए कमेटी गठित
स्वजन बोले, बच्चे का हो डीएनए, जांच के लिए कमेटी गठित

जागरण संवाददाता, जींद: गायनी वार्ड में नवजात बच्ची को बदलने के आरोप के बाद नागरिक अस्पताल प्रशासन ने वीरवार को डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला के नेतृत्व में तीन डॉक्टरों की कमेटी का गठन हुआ। इसमें आरएमओ डॉ. संतलाल बैनीवाल, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. निशा को शामिल किया है। वहीं, दूसरी ओर बच्चे को जन्म देने वाली महिला ममता के पति विकास ने सिविल लाइन थाने में लिखित में शिकायत देकर नवजात के बजाय लड़की देने का आरोप लगाया है और बच्ची के डीएनए को महिला ममता से मिलाने करवाने की मांग की है। रामराये गेट निवासी विकास ने सिविल लाइन थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 11 दिसंबर को सुबह 9 बजे प्रसव पीड़ा होने पर पत्नी ममता को नागरिक अस्पताल के गायनी वार्ड में दाखिल किया। थोड़ी देर के बाद वहां पर तैनात स्टाफ ने बताया कि ममता का हाई ब्लड प्रेशर है, इसलिए नॉर्मल डिलीवरी नहीं हो सकती, इसलिए ऑपरेशन करना होगा। इसके बाद उसकी पत्नी को ऑपरेशन थियेटर में ले गए। दोपहर को 12:55 डिलीवरी हो गई। इसके बाद बाहर आई वार्ड अटेंडेंट ने बताया कि लड़का हो गया, इसलिए कपड़े दे दो। इसके करीब 15 मिनट के बाद वार्ड अटेंडेंट की ओर से उनको लड़की थमा दी। इसके बाद उनको संदेह हुआ। इसलिए उनको जो बच्ची दी गई। उसका और मेरी पत्नी ममता का डीएनए टेस्ट पुलिस के माध्यम से कराया जाए। सिविल लाइन पुलिस का कहना है कि अस्पताल प्रशासन जब भी चाहेगा बच्ची के डीएनए टेस्ट पुलिस करा देगी। स्टाफ नर्स के बयान किए दर्ज

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परिजनों के आरोप लगाने के बाद डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला, आरएमओ डॉ. संतलाल बैनीवाल और डॉ. निशा की टीम ने दोपहर बाद डिलीवरी के समय ऑपरेशन थियेटर और नर्सरी में मौजूद स्टाफ नर्सों के बयान दर्ज किए। अब इस मामले में डिलीवरी कराने वाली डॉ. नेहा शर्मा के भी बयान दर्ज किए जाएंगे। कमेटी इसके बाद परिजनों के बयान भी दर्ज करेगी और उसके बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी। कमेटी में शामिल डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल उनके पास डीएनए टेस्ट कराने के लिए लिखित में शिकायत नहीं आई है। अगर पुलिस इनका डीएनए टेस्ट कराना चाहती है तो इसके लिए नवजात बच्ची और महिला ममता को पीजीआइ रोहतक या मधुबन भेजा जाएगा। जहां पर उनके डीएनए के लिए टेस्ट लिए जाएंगे।


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