सजावट के लिए बनाई छज्जे की रे¨लग बनी काल
गांव जामनी में एक मकान के छज्जे पर सजावट के लिए बनाई गई रे¨लग दो ग्रामीणों के लिए मौत बन
गांव जामनी में एक मकान के छज्जे पर सजावट के लिए बनाई गई रे¨लग दो ग्रामीणों के लिए मौत बन गई। बृहस्पतिवार दोपहर ताश खेल रहे ग्रामीणों पर अचानक ईंटों की रे¨लग आ गिरी। दो साल पहले मकान का लेंटर डालने के बाद यह रे¨लग बनाई गई थी। छज्जे पर लटक के साथ तीन ईंटों की परदी थी। ग्रामीणों को आशंका है कि दो दिन पहले रात को आए भूकंप में इसके ज्वाइंट हिल गए होंगे, जिसके कारण यह हादसा हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि घर से आगे से गुजर रही बिजली की मोटी वायर भी मौत में सहायक बनी। रे¨लग का मलबा नीचे गिरते समय इन तारों से टकराकर चबूतरे पर गिर गया। वह तारों से नहीं टकराता तो शायद गली की तरफ गिरता।
बृहस्पतिवार दोपहर बाद करीब तीन बजे ब्राह्मण चौपाल के पास रोशन लाल पंडित के मकान के सामने बने चबूतरे पर राज ¨सह, देवीलाल, सतपाल, वजीर और जिले ¨सह ताश खेल रहे थे। इसी दौरान अचानक पहली मंजिल के छज्जे के आगे निकाली गली लटक और उसके बनी ईंटों की परदी (रे¨लग) नीचे गिर गई। जब तक कोई संभल पाता मलबा उनके ऊपर आ गिरा। इस हादसे में राज ¨सह 50 साल और देवीलाल 34 साल, सतपाल 45 साल, वजीर 50 साल, जिले ¨सह 60 साल मलबे के नीचे दब गए। लेंटर गिरने की आवाज सुनकर ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़े। ग्रामीण सभी घायलों को लेकर तुरंत जीन्द की तरफ रवाना हुए। राज ¨सह और देवीलाल की मौके पर मौत हो गई, जबकि तीन की हालत अभी गंभीर बताई जा रही है। इतने बड़े हादसे के बाद गांव में कोहराम मचा हुआ है। देर सायं देवीलाल का शव पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंप दिया गया। जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। समाचार लिखे जाने तक राज ¨सह का शव नहीं मिल पाया था।
कुछ समय और बीतता तो होता और ज्यादा नुकसान
ग्रामीणों ने बताया कि यह मकान दो साल पहले ही बना था। उस समय भाईचारे के बैठने के लिए मकान के आगे चबूतरा बनाया गया था। गांव के लोग काम से फुर्सत मिलने के बाद यहां बैठकर ताश खेलकर टाइम पास किया करते थे। हर रोज यहां लगभग 20 से 25 लोग ताश खेला करते थे। हादसे के समय लोग कम थे, नहीं तो हादसा और भी बड़ा हो सकता था।
आज ही गांव गए थे देवीलाल
हादसे में अपनी जान गंवाने वाले देवीलाल शर्मा पंडिताई का काम करते थे और जीन्द की ब्राह्मण धर्मशाला में रहते थे। बृहस्पतिवार को दिन में ही परिवार से मिलने आए थे। वह ताश खेलने वालों से बातचीत कर ही रहे थे कि हादसा हो गया। देवीलाल पीछे 4 साल का एक बेटा छोड़ गए। वहीं, घायल जिले ¨सह का जींद के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। जबकि गंभीर घायल सतपाल पुत्र रामकिशन को पीजीआई रोहतक रेफर किया गया है।
राज ¨सह के दो बेटे हुए अनाथ
हादसे में मरे 50 वर्षीय राज ¨सह अपने पीछे दो बेटे छोड़ गए। राज ¨सह की पत्?नी की भी पिछले साल मौत हो गई थी। उनके दोनों बच्चे छोटे हैं, जो स्कूल जाते हैं। पिता की मौत के बाद दोनों बच्चे अनाथ हो गए। राज ¨सह मजदूरी करके दोनों बच्चों का पेट पाल रहा था। उसका एक भाई गांव में ही रहता है, जबकि दूसरा दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता है।