जींद में न्यूनतम तापमान रहा छह डिग्री, पड़ रही कड़ाके की ठंड
जींद में दिनभर बादल छाए रहने और न्यूनतम तापमान में गिरावट के कारण रविवार को कड़ाके की ठंड पड़ी। रविवार को अवकाश होने और ठंड की वजह से लोग घरों में ही दुबके रहे।
जागरण संवाददाता, जींद : दिनभर बादल छाए रहने और न्यूनतम तापमान में गिरावट के कारण रविवार को कड़ाके की ठंड पड़ी। रविवार को अवकाश होने और ठंड की वजह से लोग घरों में ही दुबके रहे। जरूरी कामों के लिए घरों से बाहर निकले। दिन का अधिकतम तापमान 15 और न्यूनतम तापमान छह डिग्री रहा। दोपहर को कुछ समय ही हल्की धूप निकली। लेकिन ठंड से राहत नहीं मिली। सोमवार को अधिकतम तापमान 17 और न्यूनतम सात डिग्री रह सकता है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी दिनों में भी बादल छाए रहने की संभावना है। वहीं 22 व 23 जनवरी को हल्की बारिश भी हो सकती है। ये मौसम फसलों के लिए अनुकूल है। गेहूं की फसल में ठंड से अच्छी बढ़वार होगी और सिचाई भी जल्दी नहीं करनी पड़ेगी। वहीं पिछले दिनों हुई बारिश से फसलों में एक सिचाई की पूर्ति हो गई। जिससे किसानों का सिचाई का भी खर्च बचा है। कृषि विज्ञान केंद्र पांडू पिडारा से मौसम विशेषज्ञ डा. राजेश कुमार ने बताया कि आगे मौसम परिवर्तनशील रहेगा। 18 जनवरी तक सुबह-शाम को कोहरा छा सकता है। उसके बाद हल्की बारिश भी हो सकती है।
हाकी खिलाड़ियों में सुधार के लिए किए जाएंगे भरपूर प्रयास : गुप्ता
संवाद सूत्र, नरवाना : शहीद भगत सिंह हाकी क्लब की बैठक नवदीप स्टेडियम में प्रधान भारत भूषण गुप्ता की अध्यक्षता में हुई। बैठक में हाकी खिलाड़ियों के खेल में सुधार बारे विचार-विमर्श किया गया। क्लब में ज्यादा से ज्यादा नई पौध शामिल करने का निर्णय लिया गया। प्रधान भारत भूषण गुप्ता ने बताया कि क्लब सदस्यों की इच्छा थी कि फरवरी मास में हाकी टूर्नामेंट करवाई जाए, लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते उसे स्थगित करना पड़ा है।
बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि ट्रेंड खिलाडि़यों में हाकी खेल में परिपक्वता लाने के लिए हाकी कोच अपनी नौकरी से समय निकालें और खिलाडि़यों का निरंतर अभ्यास करवाएं।
उन्होंने खेद जताया कि नरवाना ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के हाकी खिलाड़ी दिए हैं, जिससे यहां हाकी एकेडमी आनी थी, जो किसी विवाद के चलते नहीं आई। फिर भी इस स्टेडियम का एस्ट्रोटर्फ हाकी मैदान हरियाणा का एक शानदार मैदान है, जिसमें खिलाड़ी अपने भविष्य संवारने में लगे रहते हैं।