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राज्य पेज..व्हाइट कॉलर जॉब के चक्कर में कौशल का महत्व हो रहा खत्म : धनखड़

पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि व्हाइट कॉलर जॉब के चक्कर में कौशल का महत्व कम कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 07:00 AM (IST)
राज्य पेज..व्हाइट कॉलर जॉब के चक्कर में कौशल का महत्व हो रहा खत्म : धनखड़
राज्य पेज..व्हाइट कॉलर जॉब के चक्कर में कौशल का महत्व हो रहा खत्म : धनखड़

जागरण संवाददाता, जींद : चौ. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में कौशल विकास, उद्यमिता व सशक्तीकरण विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में पहुंचे पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि व्हाइट कॉलर जॉब के चक्कर में कौशल का महत्व कम कर दिया गया है। हर कोई जॉब के पीछे पड़ा हुआ है। चपड़ासी की नौकरी करने वाले की शादी हो जाती है। लेकिन खुद के व्यवसाय में एक करोड़ रुपये कमाने वाले की शादी नहीं हो पाती। उन्होंने शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि अंग्रेजों द्वारा बनाई हमारी शिक्षा पद्धति में नौकर बनना सिखाया जाता है, मालिक बनना नहीं। कार्यशाला में उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि हमें नौकरी प्राप्त करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। बल्कि दूसरों को नौकरी देने वाला बनें। कोई इंसान छोटा-बड़ा नहीं होता। उसकी सोच ही उसे छोटा-बड़ा बनाती है। हम जितना बड़ा सोचेंगे, उतना ही बड़ा पाएंगे।

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4500 करोड़ यूपी के मजदूर ले जा रहे

धनखड़ ने कहा कि हर साल धान के सीजन में उत्तर प्रदेश से मजदूर हरियाणा आते हैं। जो हरियाणा के गरीब किसानों से 4500 करोड़ रुपये लेकर जाते हैं। जबकि हम ताश खेलते रहते हैं। काम छोटा हो या बड़ा, उसकी कद्र होनी चाहिए। तभी देश तरक्की करेगा। इसलिए कृषि व दूसरे व्यवसायों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इस दौरान सीआरएसयू के वीसी प्रोफेसर आरबी सोलंकी, रजिस्ट्रार प्रो. राजेश पूनिया मौजूद रहे।


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