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खत्म हो रहा बेटा-बेटी के बीच फासला, साल 2019 में प्रदेश में 269775 बेटों पर जन्मी 248950 बेटियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को हरियाणा की धरती अब सार्थक सिद्ध कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 07:10 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 07:10 AM (IST)
खत्म हो रहा बेटा-बेटी के बीच फासला, साल 2019 में प्रदेश में 269775 बेटों पर जन्मी 248950 बेटियां
खत्म हो रहा बेटा-बेटी के बीच फासला, साल 2019 में प्रदेश में 269775 बेटों पर जन्मी 248950 बेटियां

प्रदीप घोघड़ियां, जींद

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे को हरियाणा की धरती अब सार्थक सिद्ध कर रही है। लोगों में बढ़ रही जागरूकता और स्वास्थ्य विभाग की सख्ती के चलते बेटा-बेटी के बीच का फर्क खत्म होने लगा है। इससे प्रदेश के लिगानुपात में भी लगातार सुधार हुआ है। साल 2019 में प्रदेश में कुल 518725 बच्चे जन्में। इनमें 269775 बेटों ने और 248950 बेटियों ने जन्म लिया। प्रदेश का लिगानुपात 938 रहा। लिगानुपात के मामले में पंचकूला सबसे आगे तो भिवानी जिला सबसे पीछे रहा।

21वीं सदी में आकर लड़का-लड़की के बीच भेदभाव की संकीर्ण सोच अब तेजी से बदल रही है। बेटियों को भी बेटों के बराबर समझा जाने लगा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा हाल ही में जारी किए लिगानुपात के आंकड़ों से साफ पता चल रहा है कि लोगों में जागरूकता आ रही है। कभी बेटियों की गर्भ में हत्या करवाने के नाम पर पहचान रखने वाले प्रदेश में बेटियों की किलकारियां गूंज रही हैं। जिन जिलों में बेटों की तुलना में बेटियां कम जन्म ले रही हैं, उन जिलों पर स्वास्थ्य विभाग ने फोकस कर दिया है। 2015 में प्रदेश की जिस धरती से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे की शुरूआत की गई थी, वह पानीपत जिला आज बेटियां बचाने के मामले में चौथे स्थान पर काबिज है तो वहीं सीएम सिटी करनाल जिला 20वें नंबर पर है, जो करनाल का अब तक का सबसे बदतर प्रदर्शन है। हालांकि सीमा पार अभी भी कोख में कत्ल करवाए जा रहे हैं लेकिन प्रदेश में इस पर बहुत हद तक कंट्रोल हो गया है।

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यह है साल 2019 का प्रदेश के जिलों का लिगानुपात का आंकड़ा-

क्रमांक -जिले का नाम -लड़के -लड़कियां -लिगानुपात

1. -पंचकूला -6675 -6427 -963

2. -अंबाला -9650 -9254 -959

3. -पानीपत -14303 -13434 -939

4. -जींद -10569 -9912 -938

5. -यमुनानगर -11463 -10732 -936

6. -हिसार -18053 -16827 -932

7. -पलवल -13741 -12774 -930

8. -करुक्षेत्र -8281 -7689 -929

9. -फतेहाबाद -9073 -8360 -921

10. -नूंह -24867 -22901 -921

11. -फरीदाबाद -25317 -23308 -921

12. -सिरसा -11282 -10384 -920

13. -कैथल -9308 -8557 -919

14. -रेवाड़ी -9368 -8609 -919

15. -महेंद्रगढ़ -6445 -5908 -917

16. -झज्जर -6127 -5598 -914

17. -सोनीपत -14447 -13163 -911

18. -रोहतक -14103 -12843 -911

19. -गुरुग्राम -20459 -18617 -910

20. -करनाल -13042 -11846 -908

21. -भिवानी -13202 -11807 -894

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विभाग के प्रयास ला रहे रंग

बेटी बचाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयास अब रंग लाने लगे हैं। लोगों को समझाया जा रहा है कि बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं होता। गर्भ में बेटियों को मारने वालों पर नकेल कसी जा रही है। पीएनडीटी टीम प्रदेश ही नहीं, प्रदेश से बाहर भी लिग जांच गिरोह को पकड़ने से नहीं चूकती। लोगों में भी जागरूकता आ रही है।

--डॉ. मंजू कादियान, सिविल सर्जन, जींद।


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