सीआइए इंचार्ज सहित पूरी टीम तस्करों से मिली हुई थी, पांच दिन में भी ट्रक की तलाशी नहीं ली
जागरण संवाददाता जींद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की ओर से उचाना थाना में छापा ़
जागरण संवाददाता, जींद: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की ओर से उचाना थाना में छापा मारकर वहां खड़े ट्रक से 398.150 किलोग्राम डोडा पोस्त बरामद करने के मामले में सीआइए-1 स्टाफ सवालों के घेरे में है। डीआइजी का कहना है कि इस मामले में सीआइए-1 इंस्पेक्टर सहित पूरी टीम की संलिप्तता रही है। असली रिपोर्ट पूरी इंक्वायरी के बाद सामने आएगी। उन्होंने तुरंत सख्त कार्रवाई करते हुए सीआइए-1 इंचार्ज समेत आठ कर्मचारियों को सस्पेंड करके लाइन हाजिर कर दिया है और दो एएसआइ पर एफआइआर भी दर्ज हो चुकी है। इस कार्रवाई के बाद पुलिस में खलबली मच गई है।
सीआइए स्टाफ ने 18 दिसंबर को उचाना के निकट टाटा-एस गाड़ी से 414 किलोग्राम डोडा पोस्त बरामद किया था। टाटा-एस चालक गांव पालवां निवासी जगरूप को काबू कर लिया था। जगरूप ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि उसके पास डोडा पोस्त की सप्लाई ट्रक चालक करके गया है। बाद में सीआइए टीम ने नरवाना से करनाल जिले के गांव इदगा निवासी राकेश को ट्रक के साथ पकड़ लिया था। ट्रक प्याज के कट्टों से भरा हुआ था। मामले की जांच कर रहे एएसआइ प्रवीन व जयवीर ने ट्रक का कब्जे में लेकर उसकी तलाशी लिए बिना ही उचाना थाने में खड़ा कर दिया। ट्रक से कम डोडा पोस्त मिलने पर मुखबीर ने इसकी शिकायत डीजीपी कार्यालय में शिकायत दे दी कि ट्रक में आठ क्विटल से ज्यादा डोडा पोस्त था। जबकि लगभग चार क्विटल ही डोडा पोस्त बरामद हुआ। जिसके आधार पर नारकोटिक्स सेल के डीएसपी जितेंद्र सिंह के नेतृत्व टीम ने उचाना थाना पहुंचकर प्याज से भरे ट्रक की तलाशी ली तो 20 कट्टों में भरा हुआ 398 किलो 150 ग्राम डोडा पोस्त पाया गया। इससे साफ हो गया कि सीआइए इंचार्ज, जांच अधिकारी एएसआइ प्रवीन व जयवीर सहित पूरे स्टाफ ने आरोपितों के साथ मिलीभगत की है।
-----------------------------
--पहली एफआइआर में बड़े ट्रक का जिक्र नहीं
पुलिस ने 18 दिसंबर को टाटा-एस गाड़ी से जो 414 किलोग्राम डोडा पोस्त पकड़ा था, वह बड़े ट्रक से उतारा गया था। लेकिन उस एफआइआर में बड़े ट्रक का कोई जिक्र नहीं है। डीआइजी ओपी नरवाल ने दैनिक जागरण से कहा कि इस मामले में सीधे-सीधे सीआइए-1 की लापरवाही दिख रही है। बड़े ट्रक को राउंडअप करने के बाद उसकी तलाशी लेनी चाहिए थी। पहला काम यही बनता था कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट को बुलाकर गाड़ी की तलाशी लेते। दूसरी गलती यह हुई कि ट्रक ड्राइवर को पांच दिन रिमांड पर रखने के बावजूद इंटेरोगेशन क्यों नहीं हुई? मध्यप्रदेश से कितना माल लेकर चला था। इन दोनों बड़ी लापरवाही से स्पष्ट है कि सीआइए इंचार्ज व पूरी टीम तस्करों के साथ इन्वॉल्व रही है। हालांकि अब जांच में ही पता चलेगा कि ट्रक की तलाशी में लापरवाही रही, चूक हुई या मिलीभगत थी।
-------------------
--ट्रक से मिले डोडा पोस्त को खुर्द-बुर्द करना चाहती थी पुलिस
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अनुसार उसे सूचना मिली थी कि सीआइए स्टाफ ट्रक को सुपरदारी पर छुड़वाकर पोस्त को खुर्दबुर्द करने के प्रयास में है। लेकिन इससे पूर्व ही नारकोटिक्स ब्यूरो को भनक लग गई और सीआइए-1 के मंसूबों पर पानी फिर गया। एनसीबी की कार्रवाई के बाद एसपी ने सीआइए इंचार्ज सहित 8 कर्मचारियों को सस्पेंड किया। डीआइजी भी मानते हैं कि सीआइए की तस्करों से मिलीभगत सरेआम दिख रही है, क्योंकि डोडा पोस्त से लदा ट्रक पांच दिन तक थाने में खड़ा रहा, लेकिन सीआइए ने उसकी तलाशी क्यों नहीं ली? अब इंक्वायरी में सब साफ हो जाएगा।
---------------
सीआइए-1 पर सवाल
1. डोडा पोस्त से लदा ट्रक पांच दिन तक उचाना थाने में खड़ा रहा, लेकिन तलाशी क्यों नहीं ली?
2. ट्रक ड्राइवर पांच दिन रिमांड पर रखा। फिर भी ट्रक में लदे डोडा पोस्त के बारे में कुछ नहीं उगलवा सकी?
3. मध्यप्रदेश के रतलाम से कितना मादक पदार्थ लेकर निकला था और रास्ते में कहां-कहां उतारा?
4. माल मुकदमे की गाड़ी लाने के बावजूद ड्यूटी मजिस्ट्रेट को बुलाकर जांच क्यों नहीं की?
------------------
अब सफीदों सिटी एसएचओ बने जींद सीआइए-1 प्रभारी
डीआइजी ओपी नरवाल ने सीआइए-1 इंचार्ज इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह को सस्पेंड करके लाइन हाजिर कर दिया है। उनकी जगह सफीदों सिटी थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर मनोज कुमार को सीआइए-1 का इंचार्ज बनाया है। वहीं, सफीदों सीआइए-1 के इंचार्ज इंस्पेक्टर दीपक को सफीदों सिटी थाने के एसएचओ का भी अतिरिक्त कार्यभार दे दिया है। सीआइए इंचार्ज के अलावा सस्पेंड किए गए सात कर्मचारियों को लाइन हाजिर कर दिया है।
-----------------
सीआइए की स्पष्ट लापरवाही दिख रही: डीआइजी
डोडा पोस्त पकड़ने के मामले में सीआइए इंस्पेक्टर व पूरी टीम की संलिप्तता रही है। पहली एफआइआर में उस ट्रक का कोई जिक्र नहीं है, जिसमें से एनसीबी ने डोडा बरामद किया है। पांच दिन ट्रक थाने में खड़ा रहा और तलाशी नहीं ली। इससे कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं। अब इंक्वायरी में सभी परतें खुल जाएंगी।
ओपी नरवाल, डीआइजी, जींद
----------------
कानून की नजर में सभी बराबर: एडीजीपी
हमारा उद्देश्य हरियाणा राज्य से नशे को जड़ से उखाड़ फेंककर युवाओं को बचाना है। कानून की नजर में सब बराबर हैं। चाहे वह पुलिस कर्मचारी हो या किसी उच्च पद पर आसीन व्यक्ति। अपराधी तो अपराधी होता है, चाहे वह कोई हो।
-श्रीकांत जाधव, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, एनसीबी