Move to Jagran APP

जाट धर्मशाला का प्रधान चुनने को 11 सदस्यीय कमेटी पर ही नहीं बनी सहमति

जाट धर्मशाला का संचालन कर रही जाट धर्मार्थ सभा की नई कार्यकारिणी का चुनाव करने के लिए रविवार को धर्मशाला में मीटिग हुई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 08:45 AM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 08:45 AM (IST)
जाट धर्मशाला का प्रधान चुनने को 11 सदस्यीय कमेटी पर ही नहीं बनी सहमति
जाट धर्मशाला का प्रधान चुनने को 11 सदस्यीय कमेटी पर ही नहीं बनी सहमति

जागरण संवाददाता, जींद: अर्बन एस्टेट स्थित जाट धर्मशाला का संचालन कर रही जाट धर्मार्थ सभा की नई कार्यकारिणी का चुनाव करने के लिए रविवार को धर्मशाला में मीटिग हुई। करीब चार घंटे तक मीटिग में कोई फैसला नहीं हो सका। सभा के सदस्यों ने मंच पर प्रधान पद के लिए कई नाम सुझाए। लेकिन इनमें से एक नाम का चयन करने के लिए 11 सदस्यीय कमेटी बनाने पर ही सहमति नहीं बन सकी। माहौल गरमाता देखकर निवर्तमान प्रधान वजीर सिंह सहारण ने कोरम पूरा न होने की बात कहकर 31 जनवरी को दोबारा मीटिग बुलाई है।

loksabha election banner

रविवार सुबह 11 बजे जाट धर्मशाला में प्रधान वजीर सिंह की अध्यक्षता में 11 बजे मीटिग शुरू हो गई थी, जो करीब तीन बजे तक चली। शुरू में कई सदस्यों ने मंच पर आकर अपनी बात कही और प्रधान का चुनाव करने के लिए कई सुझाव दिए। कई वक्ताओं ने माइक पर आकर प्रधान के लिए नामों की भी पेशकश की। समाजसेवी देवव्रत ढांडा, जगत सिंह रेढू सहित करीब चार लोगों के नाम प्रधान के लिए सुझाए गए। जगत सिंह रेढू ने खुद प्रधान पद के लिए अपना नाम रखा। एक सदस्य ने भी उनका नाम लेकर हाथ खड़े करवाने चाहे, जिसका सदस्यों ने विरोध किया और कहा कि कमेटी ही इस बारे में फैसला करेगी। इसके बाद देवव्रत ढांडा का नाम रखा गया। उन्होंने मंच पर आकर कहा कि वह प्रधान बनने के इच्छुक नहीं हैं। लेकिन सभा के सदस्य सर्वसम्मति से नाम फाइनल करते हैं तो वह समाज की सेवा करने को तैयार हैं। दो अन्य सदस्यों के नाम भी प्रधान के लिए रखे गए। लेकिन इनमें से किसी एक का नाम फाइनल करने के लिए 11 सदस्यीय कमेटी बनाने का सुझाव दिया गया। प्रधान वजीर सिंह सहारण ने कमेटी के लिए 11 सदस्यों के नाम सुझाए, जिस पर कई लोगों ने आपत्ति जता दी। इनका कहना था कि कमेटी में पुरानी कार्यकारिणी का कोई सदस्य नहीं होना चाहिए। सभा के युवा सदस्य पवन अहलावत ने कहा कि युवाओं को भी मौका दिया जाना चाहिए। कुछ पुराने लोगों ने सभा को राजनीतिक अखाड़ा बना दिया है और प्रधानी को अपने पास ही रखते हैं। आखिर में 11 सदस्यीय कमेटी के नामों पर ही सहमति नहीं बन सकी और हंगामा हो गया। आखिर में प्रधान वजीर सिंह ने मीटिग को स्थगित करते हुए कहा कि अभी लोग किसान आंदोलन में सक्रिय हैं, इसलिए कोरम भी पूरा नहीं हो रहा है। अब 31 जनवरी को प्रधान व कार्यकारिणी चुनने को फिर मीटिग होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.