महाशिवरात्रि पर भोले के जयघोषों से गूंजा शहर
जिलेभर में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया। वीरवार सुबह ही मंदिरों में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया।
जागरण संवाददाता, जींद : जिलेभर में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया। वीरवार सुबह ही मंदिरों में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया। कुछ शिव भक्त गोमुख तथा हरिद्वार से कावड़ लेकर पहुंचे और विभिन्न शिव मंदिरों में पवित्र गंगाजल से जलाभिषेक किया। महाभारतकालीन जयंती देवी मंदिर, ऐतिहासिक भूतेश्वर मंदिर, ठिठारी महादेव, सोमनाथ मंदिर में सुबह चार बजे से ही श्रद्धालुओं की लाइन लगनी शुरू हो गई। शिवपुरी कालोनी, शिव चौक, दशनामी अखाड़ा सफीदों गेट, प्राचीन भूतेश्वर मंदिर में भंडारा लगाकर प्रसाद वितरित किया। जयंती देवी मंदिर में जहां भक्तों को खीर और कुट्टू के आटे के पकौड़े खिलाए गए। वहीं, गोहाना रोड पर भंडारे में फल वितरित किए गए। जयंती देवी मंदिर के पुजारी पंडित नवीन कुमार शास्त्री ने बताया कि यह हिदुओं का प्रमुख त्योहार है। चौ. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के डीन अकेडमी प्रो. एसके सिन्हा, डा. रचना, उत्तर प्रदेश से आए प्रो. संजय बेजल, डा. दिनेश शर्मा सहित काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने रूद्राभिषेक कर मनोकामना मांगी। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के लिए पुलिस बल भी तैनात था। प्राचीन भूतेश्वर तीर्थ पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
सफीदों गेट स्थित प्राचीन भूतेश्वर तीर्थ में पवित्र शिवलिग पर जलाभिषेक शुरू हुआ। सबसे पहले सैकड़ों की तादाद में डाक कावड़ लेकर शिव भक्त पहुंचे। महाशिवरात्रि के मौके पर तीर्थ परिसर में प्रसाद का वितरण भी हुआ। इस प्राचीन तीर्थ पर रात 12 बजे ही जलाभिषेक शुरू हो गया था। सुबह चार बजे से पहले ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगनी शुरू हो गई थी। सुबह पांच बजे से दोपहर एक बजे तक तीर्थ परिसर में शिवभक्तों की श्रद्धा का सैलाब उमड़ा। कट्टू के पकौड़े व शामक की खीर के प्रसाद का वितरण भी किया गया। तीर्थ प्रबंधक कमेटी के महासचिव रमेश सैनी ने बताया कि पौराणिक महत्व के शहर के प्राचीनतम जयंत तीर्थ, सोम तीर्थ, जवालमेश्वर तीर्थ व भूतेश्वर तीर्थ है।
समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं, भगवान भोलेनाथ : पवन शर्मा
महाशिवरात्रि के अवसर पर माता वैष्णवी धाम में कार्यक्रम हुआ। धाम के मैनेजिग ट्रस्टी आचार्य पवन शर्मा ने कहा कि भगवान भोलेनाथ का शुभ विवाह मां भवानी के साथ आज के दिन हुआ था। तब से लेकर भोलेनाथ के भक्त व्रत रखकर उनकी भक्ति में तन्मय रहकर हर वर्ष इस पर्व को मनाते हैं। सुबह से ही हर आयु वर्ग के नर-नारी पवित्र शिव लिग का गंगाजल, दूध, दही, घी व शहद से अभिषेक करने पहुंचे।