बुद्धू ने खुदवाया था तालाब, उसी से गांव का नाम पड़ा बद्दोवाला
महा सिंह श्योरान नरवाना चंडीगढ़-हिसार हाईवे पर गांव बद्दोवाला (धर्मगढ़) नरवाना से चार कि
महा सिंह श्योरान, नरवाना : चंडीगढ़-हिसार हाईवे पर गांव बद्दोवाला (धर्मगढ़) नरवाना से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गांव के 500 मीट के दायरे में टोल प्लाजा स्थापित है, फिर भी यहां के वाहन चालकों से टोल टैक्स वसूला जा रहा है। गांव का इतिहास काफी पुराना है। पहले गांव का नाम धर्मगढ़ था, लेकिन नरवाना के एक बनिया जाति के बुद्धू नाम के व्यक्ति ने गांव में तालाब खुदवाया था, जिसे बुद्धूवाला तालाब बोला जाता था। बाद में गांव का नाम भी बुद्धूवाला तालाब से बद्दोवाला कहा जाने लगा। सरकारी रिकार्ड में गांव का नाम अब भी धर्मगढ़ ही है। गांव के लोग धार्मिक भावना में विश्वास रखते हैं, जिसके लिए गांव में 200 वर्ष पुराना बाबा का डेरा बना हुआ है। जिसमें हर रविवार को श्रद्धालु पूजा करते हैं। डेरे में 150 साल से एक जाल का वृक्ष अब भी खड़ा है।
गांव की विशेषताएं
गांव बद्दोवाल ने कई प्रशासनिक अधिकारी भी दिए हैं। गांव के महेंद्र सिंह चौपड़ा स्वयं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के कार्यकाल में उनके ओएसडी रह चुके हैं, तो उनकी बेटी एकता चौपड़ा वर्तमान में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। गांव की बेटी बिमला देवी जेल सुपरिटेंडेंट हैं, गांव में ब्याही बहू सुनीता सीडीपीओ लगी हैं। दूसरी एक सविता नाम की महिला मार्केट कमेटी में सचिव के पद पर कार्यरत हैं। गांव के बुजुर्ग हरदेव सिंह प्रिसिपल से रिटायर्ड हैं, तो उनकी बेटी शीला सरकारी कालेज में सहायक प्रोफेसर हैं। बीए में पढ़ने वाली छात्रा मंजू गोयत अच्छी गायक कलाकार हैं, जो स्वयं भी गीत लिखती हैं। एक समय में गांव को पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का गढ़ माना जाता था।
तालाब से आती है बदबू
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गांव के युवा सुनील बद्दोवाल ने गांव की मुख्य समस्या बीच में बना गंदे पानी का तालाब बताया, जिसकी निकासी ठीक ढंग से नहीं हो पा रही। तालाब से हर समय बदबू आती रहती है। निकासी के लिए गहरा नाला तो बना है, जो खुला होने के कारण हादसों को निमंत्रण देता रहता है। हाइवे अथॉरिटी ने गांव में स्ट्रीट लाइट नहीं लगाई है और ना ही सर्विस रोड़ का निर्माण किया है।
कचरा डालने को शेड बनवाए: पूनम
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निवर्तमान सरपंच पूनम ने कहा कि उनके कार्यकाल में गांव की सभी गलियों में ब्लॉक बिछवाए गए तथा कचरा डालने के लिए दो शेड का निर्माण करवाया गया। गांव में गंदे पानी की निकासी की समस्या है, जिसके लिए खुले नाले में पाइप आदि बिछाकर उसे ढकने की जरूरत है।
बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाएं
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रिटायर्ड कर्मचारी महेंद्र सिंह ने कहा कि गांव के बीच में बने गंदे पानी के तालाब की अंडरपास निकासी का प्रबंध हो। इंजन से कब तक पानी निकाला जा सकता है। ग्रामीणों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाएं, ताकि यह स्कूल बच्चों के बिना बंद ना हो। गांव के पास खेतों में पानी का नल लगवाया है, जहां टोल वालों ने कैंटीन खोल दी है। वहां भारी वाहनों की भीड़ के कारण दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
सफाई नहीं होती, बसें भी नहीं रुकतीं
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रतन सिंह गोयत ने कहा कि गांवों में एक ही सफाई कर्मचारी है, जिसके लिए गांव में सफाई ठीक तरह से नहीं हो पाती। गांव में रोडवेज की बस नहीं रुकती, सवारियों को टोल प्लाजा पर ही उतार दिया जाता है।