त्योहारों में छिपा है संस्कृति का मूल तत्व : अतुल कोठारी
भारत की संस्कृति महान है। इसकी महानता दूसरों की भलाई के बारे में सोचने के लिए प्रसिद्ध है। हमें भारत की संस्कृति को और अधिक समृद्ध बनाने का प्रयास करना चाहिए ताकि भारत विश्व गुरु के पद को प्राप्त कर सके।
जागरण संवाददाता, जींद : भारत की संस्कृति महान है। इसकी महानता दूसरों की भलाई के बारे में सोचने के लिए प्रसिद्ध है। हमें भारत की संस्कृति को और अधिक समृद्ध बनाने का प्रयास करना चाहिए, ताकि भारत विश्व गुरु के पद को प्राप्त कर सके। भारत सर्वश्रेष्ठ था, सर्वश्रेष्ठ है और सर्वश्रेष्ठ रहेगा। यही श्रेष्ठता इसे विश्व गुरु बनाएगी। यह उद्गार शिक्षा संस्कृति न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने डीएवी पब्लिक स्कूल द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कहे। वे डीएवी पब्लिक स्कूल द्वारा आयोजित संस्कृति से संस्कार सीखें और त्योहार से व्यवहार बदले नवरंग उत्सव का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डीएवी स्कूल जींद एक प्रतिमान केंद्र के रूप में सराहनीय कार्य कर रहा है। जिसका अनुसरण अन्य स्कूलों को भी करना चाहिए। संस्कृति का मूल तत्व त्योहारों में छिपा हुआ है। इसलिए बच्चों को त्योहारों का महत्व तथा उनकी उपयोगिता बताना जरूरी है। आरएसएस के प्रांत प्रचारक विजय कुमार ने भारतीय त्योहारों का महत्व बताते हुए कहा कि कुछ लोग त्योहारों का मजाक उड़ाते हैं। जो भारतीय संस्कृति के प्रति अच्छा नजरिया ना रखने का परिणाम है। समारोह के अध्यक्ष सोहनलाल कालेज ऑफ एजुकेशन के प्राचार्य डा. विवेक कोहली ने कहा कि सामाजिक संस्थाओं का उत्तरदायित्व समाज में जागृति पैदा करना है। वेबिनार का संयोजन डीएवी संस्थाओं के क्षेत्रिय निदेशक डा. धर्मदेव विद्यार्थी ने किया। उन्होंने बताया कि डीएवी पब्लिक स्कूल शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक कार्यों को करते हुए शिक्षा को समाज उपयोगी बनाने का कार्य कर रहा है। जिसका व्यवहारिक रूप करवा चौथ से दिवाली तक होने वाले प्रतिदिन नौ उत्सवों के माध्यम से किया जाएगा। जिसमें भारतीय संस्कृति त्योहार रहन-सहन और परंपराओं का गहन विश्लेषण होगा। जिसका प्रदर्शन 12 नवंबर को होगा। वेबिनार में उच्च शिक्षा आयोग के चेयरमैन डा. कुठियाला, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, खानपुर विश्वविद्यालय, मानव रचना विश्वविद्यालय, चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी से शिक्षाविदों ने भाग लिया।
मां है सर्वश्रेष्ठ गुरु : प्रतिभा सिंह
वेबिनार को हरियाणा बाल संरक्षण आयोग की सदस्य प्रतिभा सिंह ने नारी शक्ति के योगदान को लेकर संबोधित करते हुए कहा कि मां सर्वश्रेष्ठ गुरु है और परिवार पहली पाठशाला है। जहां से बच्चे की पढ़ाई प्रारंभ होती है। घरों में मनाए जाने वाले त्योहार उस पढ़ाई का महत्वपूर्ण हिस्सा है। जो हमें अपनी मर्यादा और संस्कृति सिखाते हैं।