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शिक्षकों ने किया पीपीपी सत्यापन में ड्यूटी का विरोध

जिले के अध्यापकों ने परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के सत्यापन के विरोध में खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से सभी सातों ब्लॉकों पर पीपीपी सत्यापन के कार्य पर विरोध जताकर अध्यापकों को इस कार्य से दूर रखने का विरोध किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 07:20 AM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 07:20 AM (IST)
शिक्षकों ने किया पीपीपी सत्यापन में ड्यूटी का विरोध
शिक्षकों ने किया पीपीपी सत्यापन में ड्यूटी का विरोध

जागरण संवाददाता, जींद:

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जिले के अध्यापकों ने परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के सत्यापन के विरोध में खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से सभी सातों ब्लॉकों पर पीपीपी सत्यापन के कार्य पर विरोध जताकर अध्यापकों को इस कार्य से दूर रखने का विरोध किया। उचाना खंड में सतविन्द्र श्योकन्द, जीन्द खंड में जितेन्द्र बेनीवाल, पिल्लूखेड़ा में राजेश रेढू, एवं नगूरां ब्लॉक में अजब गोयत ने विरोध करने वाले शिक्षकों का नेतृत्व किया। सभी खंडों पर विरोध करने वाले अध्यापकों की सामूहिक सूची जिला प्रधान रूपेन्द्र गोयत ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को सौंपी। राजेश खर्ब ने कहा शिक्षक संगठनों के अनुरोध पर मुख्यमंत्री प्रदेश में वीडियो कांफ्रेंस द्वारा प्रदेश में आदेश दिए हैं किसी भी अध्यापक को ऐसा करने के लिए बाध्य न किया जाए। स्वेच्छता से कार्य करने वाले की ड्यूटी लगाई जा सकती है। स्कूलों में ऑनलाइन, ऑफलाइन दोनों तरह की परीक्षा के साथ-साथ दाखिला अभियान, मिड-डे-मिल डिस्ट्रीब्यूटर एवं विद्यालय रिकार्ड ऑनलाइन करने के साथ एमआइएस व एचआरएमएस का भी कार्य चला हुआ है। इसलिए उन्हें पीपीपी सत्यापन के कार्य से दूर रखा जाए। इस अवसर पर संतरो देवी, रणवीर घनघस, सज्जन राठी, अभिमन्यू रेढू, रितु, सुनीता, प्रवीण पांचाल, प्रवीण यादव, ईश्वर चहल, चंद्रपाल, सुरेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।

हड़ताल में शामिल नहीं होने वाले आढ़तियों पर प्रधान ने लगाया जुर्माना

संवाद सूत्र, सफीदों : नई अनाज मंडी के कच्चा आढ़ती संघ के नवनियुक्त प्रधान ने हड़ताल में शामिल नहीं होने वाले 15 आढ़तियों पर 21-21 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का अजीबोगरीब फरमान जारी कर दिया। लेकिन एक भी आढ़ती ने जुर्माने की राशि जमा नहीं करवाई। संघ के आढ़तियों में एकता नहीं बनी, तो शुक्रवार को आढ़तियों ने दोपहर के समय हड़ताल को भी वापस ले लिया। हालांकि आठ अप्रैल को भी 15 आढ़तियों द्वारा करीब 18 हजार क्विंटल गेहूं की खरीद की गई। जिससे नाराज होकर प्रधान पाला राठी ने 21-21 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया था। शुक्रवार बैठक कर सभी आढ़तियों ने हड़ताल को वापस ले लिया है।


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