जानलेवा बन रहे सड़कों पर घूम रहे आवारा पशु
जिले की सड़कों पर इन दिनों आवारा पशुओं का आतंक स्पष्ट दिखाई दे रहा है। ये पशु बीच सड़क पर ही भिड़ जाते हैं। इनकी चपेट में आकर घायलों की लोगों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।
जागरण संवाददाता, जींद : जिले की सड़कों पर इन दिनों आवारा पशुओं का आतंक स्पष्ट दिखाई दे रहा है। ये पशु बीच सड़क पर ही भिड़ जाते हैं। इनकी चपेट में आकर घायलों की लोगों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। शुक्रवार शाम को सड़क पर घूम रहे एक सांड ने जुलाना में दो बुजुर्गो की जान ले ली। करीब छह माह पहले जुलाना में ही बाइक पर जा रहे युवक को सांड ने सीधी टक्कर मार दी थी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
सड़कों पर घूम रहे सांड उग्र होते जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रशासन द्वारा इन आवारा पशुओं को पकड़ने के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। जिसके कारण स्थानीय लोगों की परेशानी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। सरकार पिछले एक साल में सड़कों से आवारा पशुओं को हटाने के लिए कई बार डेडलाइन निर्धारित कर चुकी है। इस बार 31 मार्च तक की डेडलाइन थी, लेकिन इस दौरान जिले की सड़कों को आवारा पशु मुक्त नहीं किया गया। शहर और आसपास के गांवों की मुख्य सड़कों पर सांडों की संख्या बढ़ने के बाद प्रशासन ने नरवाना, सफीदों, जींद में नंदीशाला बनवाई थी। कई गांवों में भी नंदीशाला व गोशालाओं का निर्माण करवाया था। इससे कुछ हद तक सांड कम हो गए थे, लेकिन अब पिछले तीन-चार महीने से दोबारा सड़कों पर सांडों की संख्या बढ़ गई है। सामाजिक संस्थाओं और शहर के लोग कई बार इस बारे में नगरपरिषद और प्रशासन के अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन कोई अधिकारी जनता को राहत दिलाने में पहल नहीं कर रहा है।
रात को शहर की मुख्य सड़कों और गलियों में स्ट्रीट लाइटें न होने से अंधेरे में लोग इन सांडों से भिड़कर घायल हो रहे हैं। कई बार सांड भी लड़ते हुए लोगों को अपनी चपेट में ले लेते हैं।
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15 दिन में चार लोगों की ली जान
सड़कों पर घूम रहे आवारा पशु पिछले 15 दिन में चार लोगों की जान ले चुके हैं। जुलाना के वार्ड 3 में शुक्रवार रात को 85 वर्षीय महिला फूलपति व 95 वर्षीय हवासिंह को सांड ने टक्कर मारकर दी। दोनों की मौत हो गई। इससे पहले 3 अप्रैल को गांव अहिरका के निकट अचानक सड़क पर गाय आने के कारण गांव अहिरका निवासी मनोज, राहुल की बाइक ट्रक की चपेट में आ गई और इसमें दोनों की मौत हो गई। पिछले सप्ताह ही हाउसिग बोर्ड में सांड आपस में टकराते हुए दरवाजों को तोड़ते हुए मकान में घुस गए थे। इस दौरान वहां सो रहे परिवार के सदस्य बाल-बाल बच गए थे। इससे पहले किनाना गांव के समीप आवारा पशुओं के कारण हुए सड़क हादसे में वकील कमल गोस्वामी की मौत हो गई थी। कई वर्ष पहले आवारा पशुओं के कारण हुए सड़क हादसे में जाट संस्था के उपप्रधान मास्टर रण सिंह की मौत हो गई थी।
चुनाव बन रहा बहाना
नगर परिषद ने लंबे समय से आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान नहीं चलाया है। पहले जहां जींद उपचुनाव के बाद अभियान चलाने की बात कही थी, लेकिन अब लोकसभा चुनाव का बहाना बनाया जा रहा है। नगर परिषद प्रधान पूनम सैनी ने कहा कि इसके लिए जल्द ही अभियान चलाया जाएगा और गोवंश को नंदीशाला में छोड़ा जाएगा।