एक-दूसरे की मदद व अच्छे कामों के लिए करें तकनीक का प्रयोग
एसडी कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में बृहस्पतिवार को दैनिक जागरण की संस्कारशाला आयोजित की गई।
जागरण संवाददाता, जींद : एसडी कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में बृहस्पतिवार को दैनिक जागरण की संस्कारशाला आयोजित की गई। जिसमें प्राचार्य सुरेंद्र राणा ने कक्षा नौवीं की छात्राओं को दैनिक जागरण में प्रकाशित संस्कारशाला की कहानी सुनाई। उन्होंने कहानी में छुपी सीख के बारे में छात्राओं को बताते हुए कहा कि तकनीक का सही रूप में प्रयोग करना चाहिए। जैसे कहानी के पात्र सौरभ ने अपने पापा की आंख में दिक्कत होने पर डॉक्टर को वाट्सएप पर मैसेज भेज कर किया। उनके पापा ने मोतियाबिद होने पर कुछ दिन पहले ही आंख का ऑपरेशन कराया था। कुछ दिन बाद अचानक उनकी आंख लाल हो गई। जिससे उनकी मम्मी घबरा गई। सौरभ ने तुरंत पापा के मोबाइल से अपनी दोस्त नवोदिता की मम्मी, जो डॉक्टर हैं। उन्हें पापा की आंख की फोटो खींच कर वाट्सएप पर भेज दी। वाट्सएप पर फोटो देख कर डॉक्टर ने बताया कि कभी-कभार हो जाता है। घबराने की कोई बात नहीं है। लेकिन उनकी मम्मी की घबराहट बढ़ती चली गई। सौरभ ने अपनी मम्मी को एक तरफ ले जाकर समझाया कि आप पापा के सामने इस तरह का बर्ताव करेंगी, तो पापा भी चितित हो जाएंगे। अगले दिन सुबह पापा व मम्मी क्लीनिक पर डॉ. नीना के पास पहुंची। डॉक्टर ने जांच करके बताया कि आंख की लाली थोड़े दिन में ठीक हो जाएगी। कुछ दिन बाद आंख ठीक हो गई। जिससे पूरा परिवार खुश था। सौरभ व नवोदिता अपने दोस्तों को घर बुला कर पार्टी करते हैं। इससे हमें ये भी सीख मिलती है कि मुश्किल समय में हौसला नहीं खोना चाहिए और एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए।
तकनीक का करें सही इस्तेमाल
कहानी से हमें सीख मिलती है कि तकनीक का हमें सकारात्मक रूप में प्रयोग करना चाहिए। अकसर लोग बेवजह की चीजों में वाट्सएप, फेसबुक का प्रयोग करते हैं। जिससे समय की बर्बादी भी होती है। सौरभ ने वाट्सएप का सही प्रयोग किया, जिससे उनके पिता की तबीयत के बारे में डॉक्टर से पता चल गया।
मिनाक्षी, छात्रा
एक-दूसरे की मदद करें
कहानी हमें ये प्रेरणा भी देती है कि हमेशा एक-दूसरे की मदद करें। नवोदिता की मां डॉक्टर है। नवोदिता ने अपने दोस्त सौरभ के पापा की आंख के ऑपरेशन में मदद की। इससे उनके पापा जल्द ठीक हो गए। अगर हम किसी का अच्छा करेंगे, तो हमारे साथ भी अच्छा ही होगा।
खुशी, छात्रा