एक साल से उखड़ा पड़ा है सफीदों रोड, दिनभर रहती जाम की स्थिति
शहर को जलभराव की समस्या से निजात मिले। इसके लिए अमरूत योजना के तहत बरसाती पानी की निकासी के लिए पाइप लाइन दबाई जा रही हैं। लेकिन पाइप दबाने के लिए उखाड़ी सड़कों की सुध ना लेने से शहरवासी परेशान हैं।
जागरण संवाददाता, जींद : शहर को जलभराव की समस्या से निजात मिले। इसके लिए अमरूत योजना के तहत बरसाती पानी की निकासी के लिए पाइप लाइन दबाई जा रही हैं। लेकिन पाइप दबाने के लिए उखाड़ी सड़कों की सुध ना लेने से शहरवासी परेशान हैं। पिछले साल सफीदों रोड के एक तरफ के रास्ते को उखाड़ कर पाइप लाइन दबाई गई। अब भी ये सड़क उखड़ी हुई है। जिससे सफीदों रोड वन वे हो गया है और दिनभर जाम की स्थिति रहती है। वाहन हिचकोले खा रहे हैं और पलटने का डर रहता है। कुछ दिन पहले यहां एक ऑटो पलट चुकी है। वहीं भारद्वाज पेट्रोल पंप नजदीक सीवर लाइन के अकसर ओवरफ्लो रहने से पानी भरा रहता है। जिस कारण वाहन चालकों को सेक्टरों की गलियों से होकर गुजरना पड़ रहा है। अमरूरत का काम नगर परिषद करा रही है और ये सड़क पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आती है। सड़क उखाड़ने की एवज में नगर परिषद पीडब्ल्यूडी को पेमेंट कर चुकी है। पीडब्ल्यूडी को सड़क का निर्माण करना है।
वाहनों की लगी रहती लंबी लाइन
दुकानदार वीरेंद्र ने बताया कि पाइप लाइन दबाने के बाद सड़क को बनाना चाहिए था। एक तरफ का रास्ता बंद होने से दिनभर वाहनों की लंबी लाइन लगी रहती है। इससे उनकी ग्राहकी पर भी असर पड़ रहा है। सड़क टूटी होने के कारण लोग यहां आने हिचकते हैं।
लोग हो रहे चोटिल
इस एरिया में रहने वाले विपिन ने बताया कि बारिश होने पर हालात काफी खराब हो जाते हैं। पानी भरने से वाहन नहीं निकल पाते। दो पहिया वाहन चालक गिरने से चोटिल हो रहे हैं। पिछले दिनों यहां एक ऑटो भी पलट गई थी। सड़क का निर्माण कराया जाना चाहिए।
दिनभर उड़ती है धूल
दुकानदार सुशील कुमार ने बताया कि सड़क से दिनभर धूल उड़ती रहती है, इससे लोग परेशान हैं। लोगों की सुविधा के लिए विकास कार्य होते हैं, लेकिन यहां तो आफत और बढ़ा दी गई है। अभी पता नहीं, कितना समय और इस सड़क को बनाने में लगेगा।
वर्जन
टेंडर हो चुका है। एक तरफ की सड़क को पाइप दबाने के लिए उखाड़ा था। उसकी टाइलें निकालने का काम अगले सप्ताह शुरू हो जाएगा। उसके बाद एजेंसी निर्माण कार्य शुरू कर देगी। तारकोल की सड़क बनाई जाएगी। दूसरी तरफ की सड़क बनाने का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा हुआ है।
-नवनीत नैन, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी, जींद