लघु गुरुकुल में युवाओं को सामाजिक बुराइयों से दूर रहने की दिलाई शपथ
राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा के तत्वावधान में चल रहे दो दिवसीय लघु गुरुकुल का समापन यज्ञोपवीत ग्रहण संस्कार के साथ हुआ। आचार्य कुलबीर ने दूसरे दिन के सत्र का अष्टांग योग से प्रारंभ करते हुए यम नियम के महत्व बताया।
जागरण संवाददाता, जींद : राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा के तत्वावधान में चल रहे दो दिवसीय लघु गुरुकुल का समापन यज्ञोपवीत ग्रहण संस्कार के साथ हुआ। आचार्य कुलबीर ने दूसरे दिन के सत्र का अष्टांग योग से प्रारंभ करते हुए यम नियम के महत्व बताया। इसके बाद अर्थ सत्र में धन के सदुपयोग की बात की। राष्ट्रीय सत्र में देश की परिस्थितियों के बारे में अवगत कराते हुए आचार्य ने बताया कि आज हमारे देश का युवा व्यसन, व्यभिचार, नशा में त्राहि-त्राहि कर रहा है। ऐसे में वह राष्ट्र उन्नति का विचार नहीं कर सकता है। इसके बाद युवाओं ने व्यशन त्याग का संकल्प लेते हुए यज्ञोपवीत ग्रहण किया और अपने राष्ट्र की रक्षा का संकल्प लिया।
जनपदीय महासचिव आर्य संदीप बुढ़ाखेड़ा ने बताया कि वर्तमान में राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा के इस प्रकार के शिविरों द्वारा लाखों युवा ने व्यसन का त्याग कर राष्ट्र निर्माण में कार्य कर रहे है। शिविर के सफल आयोजन में आर्य समाज जामनी और आर्य समाज बनियाखेड़ा का विशेष योगदान रहा। इस मौके पर बलराज आर्य, जयभगवान आर्य, मनदीप आर्य, रामनिवास आर्य, अमित आर्य, मोहित आर्य, सुखदेव आर्य, विरेंद्र आर्य, जयदेव आर्य आदि मौजूद रहे।
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