Move to Jagran APP

एक बंदर पकड़ने के 800 रुपये, नप फिर से जारी करेगा टेंडर

लंबे समय से बंदरों से परेशान लोगों को अब राहत नहीं मिलने वाली है। नगरपरिषद ने वन विभाग की मंजूरी के बाद बंदर पकड़ने के लिए टेंडर लगाया था। कई फर्मो ने टेंडर लगाए जिनमें सबसे कम रेट 800 रुपये प्रति बंदर पकड़ने का था। रेट ज्यादा होने के कारण नगरपरिषद ने यह टेंडर रद कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 09:55 AM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 06:35 AM (IST)
एक बंदर पकड़ने के 800 रुपये, नप फिर से जारी करेगा टेंडर
एक बंदर पकड़ने के 800 रुपये, नप फिर से जारी करेगा टेंडर

जागरण संवाददाता, जींद: लंबे समय से बंदरों से परेशान लोगों को अब राहत नहीं मिलने वाली है। नगरपरिषद ने वन विभाग की मंजूरी के बाद बंदर पकड़ने के लिए टेंडर लगाया था। कई फर्मो ने टेंडर लगाए, जिनमें सबसे कम रेट 800 रुपये प्रति बंदर पकड़ने का था। रेट ज्यादा होने के कारण नगरपरिषद ने यह टेंडर रद कर दिया है।

loksabha election banner

शहर में बंदरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। किसी भी कॉलोनी में घुस जाइए, बंदरों की फौज मिल जाएगी। इन बंदरों ने लोगों का घरों की छतों पर बैठना भी बंद करा दिया है। इन्हें पकड़ने के लिए नगरपरिषद की कार्रवाई टेंडर में उलझकर रह गई है। इससे लोगों में सरकार व प्रशासन के प्रति गुस्सा बढ़ रहा है। हालात इतने खराब हैं कि अभिभावक बच्चे को घर के बाहर आंगन में अकेला नहीं छोड़ सकते। कॉलोनियों में बंदर कई लोगों पर हमला कर घायल कर चुके हैं। छतों पर सुखाए कपड़ों को उतार कर ले जाते हैं और घर में भी तोड़-फोड़ कर देते हैं। पिछले दिनों हाउसिग बोर्ड के भी एक व्यक्ति को बंदरों ने काट दिया था। अर्बन एस्टेट के लोग भी बंदरों से तंग आकर शानदार कोठियों पर मजबूरी में जाल लगवा रहे हैं। कलेसर के जंगलों में छोड़े जाने हैं बंदर

नगर परिषद के टेंडर के अनुसार ठेकेदार को बंदर पकड़ने के साथ उन्हें यमुनानगर स्थित कलेसर के जंगलों में छोड़ना होगा। इस कारण पहले टेंडर में प्रति बंदर का 800 रुपये रेट आया है। नगरपरिषद का मानना है कि रेट कम आता है कि शहर की संस्थाओं से राय लेकर ही टेंडर दिया जाएगा। नगरपरिषद प्रधान के अनुसार वाजिब रेट मिलने पर ही टेंडर दिया जाएगा। पूरा दिन कॉलोनी में बंदरों का आतंक रहता है। छत पर न तो कपड़े सुखा सकते हैं और न ही सुबह-शाम आराम से बैठ सकते हैं। बंदर पानी की टंकियों को भी हिला देते हैं। इनके उत्पात से सभी लोग परेशान हैं। नगरपरिषद को शहर के लोगों की समस्या को समझकर जल्द समाधान करना चाहिए।

सुशील गुप्ता, अर्बन एस्टेट निवासी नगरपरिषद ने बंदर पकड़ने के लिए जो टेंडर लगाया था, जो काफी महंगा आया। एक बंदर पकड़ने के लिए 800 रुपये बहुत ज्यादा हैं। इससे कम रेट में कोई फर्म सामने आती है तो शहर की संस्थाओं से राय लेकर ही टेंडर जारी किया जाएगा। अगले हफ्ते दोबारा टेंडर लगा दिया जाएगा।

-पूनम सैनी, नगर परिषद, जींद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.