Move to Jagran APP

उखड़े पड़े हैं मुख्य मार्ग, नहीं हो रही सफाई हर माह 48 लाख खर्च, फिर भी शहर गंदा

नगर परिषद शहर में सफाई के नाम पर हर माह 48 लाख रुपये खर्च कर रही है। जिसमें डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन मुख्य मार्गों की सफाई व घर से कूड़ा उठा कर सीधे डंपिग साइट तक पहुंचाना शामिल है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 06:41 AM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 06:41 AM (IST)
उखड़े पड़े हैं मुख्य मार्ग, नहीं हो रही सफाई
 हर माह 48 लाख खर्च, फिर भी शहर गंदा
उखड़े पड़े हैं मुख्य मार्ग, नहीं हो रही सफाई हर माह 48 लाख खर्च, फिर भी शहर गंदा

जागरण संवाददाता, जींद : नगर परिषद शहर में सफाई के नाम पर हर माह 48 लाख रुपये खर्च कर रही है। जिसमें डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, मुख्य मार्गों की सफाई व घर से कूड़ा उठा कर सीधे डंपिग साइट तक पहुंचाना शामिल है। शहर की ज्यादातर सड़कें उखाड़ी हुई हैं। जिनकी सफाई ही नहीं हो रही। पहले ठेकेदार के कर्मचारी मुख्य मार्गों की सफाई करते थे। अब सफाई के लिए स्वीपिग मशीन आ चुकी है। जो सड़कों की खोदाई होने के कारण सफाई के लिए नहीं जा पाती। रोहतक रोड, सफीदों रोड, मिनी बाईपास को पाइप लाइन दबाने के लिए उखाड़ा गया था। अभी यहां दोबारा सड़क नहीं बनी है। वहीं पुराना हांसी रोड, भिवानी रोड बाईपास, जेल के पास रोहतक रोड बाईपास पर आरओबी का निर्माण चल रहा है। इसके चलते इन मार्गों की सफाई नहीं हो रही है। लेकिन ठेकेदार को मुख्य मार्गों की सफाई के नाम पर नगर परिषद द्वारा पूरा भुगतान किया जा रहा है। विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने सोमवार को जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की मीटिग में सफाई के ठेके में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी और नगर परिषद से इसका पूरा रिकार्ड मांगा था।

loksabha election banner

नहीं हटे कलेक्शन सेंटर

पहले ठेकेदार कलेक्शन सेंटर से कूड़ा उठाकर डंपिग साइट पर डालता था। मौजदा ठेके में कलेक्शन सेंटरों को खत्म कर घर से गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग लेकर सीधे डंपिग साइट पर पहुंचाना है। ताकि शहर साफ-सुथरा दिखे। लेकिन इसके बावजूद शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लग रहे हैं। बस स्टैंड के सामने हर समय कूड़े का ढेर रहता है। वहीं बत्तख चौक, सफीदों रोड, जाट कालेज के पास समेत जगह-जगह लोग कूड़ा डाल रहे हैं।

शहर की छवि हो रही खराब

शहर के बस स्टैंड के पास कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। नगरपरिषद ने छह माह पहले कहा था कि बस स्टैंड के सामने बना कूड़ा कलेक्शन सेंटर खत्म किया जाएगा। लेकिन रेहड़ी वाले हर रोज कालोनियों का कूड़ा डाल रहे हैं। बसों के जरिए दूसरे जिलों से आने वाले लोग जब बस स्टैंड से बाहर निकलते हैं तो सबसे पहले गंदगी उनका स्वागत करती है, जिससे शहर की छवि भी खराब हो रही हैं। अब बारिश में यहां पड़ा कचरा इतनी बदबू मार रहा है कि लोगों को मुंह पर रूमाल लगाकर निकलना पड़ता है।

चार साल में छह गुना बढ़ा ठेका

चार साल पहले शहर की सफाई का ठेका पौने आठ लाख रुपये होता था। जिसमें सेक्टर 10 व 11 की सफाई तथा शहर के कूड़ा उठान की जिम्मेदारी ठेकेदार की होती थी। उसके अगले साल सफाई का ठेका तीन गुणा बढ़ कर 24 लाख रुपये हो गया। जिसमें मुख्य सड़कों की सफाई, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम जोड़ दिया गया। अब सफाई के ठेके पर हर माह 48 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं।

जहां तक मशीन जाती है, करते हैं सफाई

ठेकेदारा सुरेंद्र ने बताया कि शहर के सभी मुख्य मार्ग टेंडर में शामिल हैं। जहां स्वीपिग मशीन पहुंचती है, वहां-वहां सफाई कराई जा रही है। जो रोड खोदे हुए हैं, वहां सफाई नहीं हो पा रही। उसने कूड़ा उठान के लिए 12 ट्रैक्टर-ट्रॉली, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए 40 छोटे ट्रैक्टर व टाटा ऐश लगाए हुए हैं। रेहड़ी वाले कहीं भी कूड़ा डाल जाते हैं। उसे उनके कर्मचारी उठाते हैं।

वर्जन

ठेके में मुख्य मार्गों की सफाई शामिल है। सड़कों की खोदाई होने से कुछ सड़कों की सफाई नहीं हो पाती, उनकी पेमेंट काटने का कोई प्रावधान नहीं है। अमरूत के काम के लिए सड़कों को उखाड़ा गया है। संबंधित विभाग उस सड़क को दोबारा बनाएगा, जिसकी राशि उसे दी गई है। विधायक ने हर माह सफाई पर होने वाले खर्च का ब्यौरा मांगा है। वो जानकारी दे दी जाएगी।

-डा. एसके चौहान, ईओ, नगर परिषद जींद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.