आध्यात्मिक जीवन में ही मिल सकता है सुख : आचार्य पवन शर्मा
प्रत्येक व्यक्ति सुख चाहता है क्योंकि सुख से ही जीवन में प्रसन्नता आती है। इसी प्रसन्नता की खोज के लिए मनुष्य न जाने कितने उपाय करता है।
जागरण संवाददाता, जींद : प्रत्येक व्यक्ति सुख चाहता है, क्योंकि सुख से ही जीवन में प्रसन्नता आती है। इसी प्रसन्नता की खोज के लिए मनुष्य न जाने कितने उपाय करता है। व्यापार करता है, नौकरी करता है, राजनीति में जाता है। इसी सुख की खोज में वह कभी-कभी भटक भी जाता है। ऐसा भटकता है कि जिस जीवन को सुखी बनाने के लिए वह बहुत कुछ करना चाहता था, उसी प्रयास में उसका जीवन न जाने कहां खो गया। यहीं से शुरू होती है मनुष्य के दुर्भाग्य की कहानी। उक्त प्रवचन आचार्य पवन शर्मा ने माता वैष्णवी धाम की व्यास पीठ से बुधवार को जन-जन के नाम अपने संदेश में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जीवन में सुख प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह सुख आपको सांसारिक प्राणियों से अथवा सांसारिक पदार्थों से नहीं मिलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि संसार में सुख नहीं है, सुख का आभास मात्र है। सुख तो केवल आध्यात्मिक जीवन में ही प्राप्त हो सकता है। अध्यात्म का अर्थ है परमात्मा की सृष्टि में त्यागभाव से संसार की वस्तुओं का उपयोग करना।