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रक्षाबंधन पर महिलाओं को नहीं भाया बसों का सफर, 140 बसें रहीं ऑनरूट

रक्षाबंधन के मौके पर यात्रियों की संख्या को लेकर रोडवेज प्रबंधन ने

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 06:10 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 06:10 AM (IST)
रक्षाबंधन पर महिलाओं को नहीं भाया बसों का सफर, 140 बसें रहीं ऑनरूट
रक्षाबंधन पर महिलाओं को नहीं भाया बसों का सफर, 140 बसें रहीं ऑनरूट

जागरण संवाददाता, जींद : रक्षाबंधन के मौके पर यात्रियों की संख्या को लेकर रोडवेज प्रबंधन ने जो अनुमान लगाया था, यात्रियों की संख्या उसके अनुरूप कम ही रही। त्यौहार को देखते हुए बसों में जितनी भीड़ होनी चाहिए थी, उतनी नहीं हो पाई। रोडवेज बसें सुबह ही बूथों पर लग गई थी लेकिन रोहतक और नरवाना रूट को छोड़कर बाकी रूटों पर यात्रियों की संख्या ज्यादा न होने के कारण कई-कई देर में बसें निकली। रोहतक और नरवाना रूट पर हर 10 मिनट में बसें निकलती रही। दिनभर मे 140 बसें विभिन्न रूटों पर निकली। इस बार फ्री नहीं था बसों में सफर

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बता दें कि हर साल रक्षाबंधन पर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं और 15 साल तक के बच्चों का बसों में किराया फ्री किया जाता है। मुफ्त बस यात्रा के लिए महिलाओं की भारी भीड़ जुटती रही है लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते बसों में फ्री बस सुविधा नहीं थी, इसलिए महिलाओं की संख्या भी बहुत कम रही। बसों को सैनिटाइज कर अड्डे पर खड़ा किया गया। यात्रियों को मुंह पर मास्क, रुमाल व कपड़ा लगा होने के बाद ही बस में बैठने दिया गया। इतना ही नहीं ड्यूटी के दौरान चालक व परिचालकों को भी मास्क व सैनिटाइजर का प्रयोग करने के लिए कहा गया।

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140 बसें निकली विभिन्न रूटों पर

कोरोना वायरस के कारण दो दिन पहले तक 50 से 60 बसें ही रोजाना निकल पाती थी लेकिन रविवार को करीब 130 बसें डिपो से निकली तो सोमवार को भी 140 बसें विभिन्न रूटों पर गई। भीड़ का सबसे ज्यादा रस रोहतक और नरवाना तथा भिवानी रूट पर रहा। रोहतक के लिए हर 10 मिनट पर बसें निकली। कुछ रूटों पर अड्डे से निकलते समय यात्रियों की संख्या 30 रही लेकिन बीच रास्ते यात्रियों की संख्या ज्यादा हो गई।

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आज भी सभी रूटों पर चलेंगी बसें : सुरेंद्र लाठर

बस अड्डा इंचार्ज सुरेंद्र लाठर ने कहा कि मंगलवार को भी सभी रूटों पर बसें चलेंगी। रविवार और सोमवार को सभी बसें चलाई गई, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। पिछले सालों की तुलना में इस बार यात्रियों की संख्या कम रही, क्योंकि इस बार न तो किराया फ्री था और कोरोना के कारण लोगों ने निजी वाहनों का सहारा लिया।


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