उचाना के वार्ड 3 में बंदरों ने महिलाओं को काटा, अस्पताल में नहीं मिले रेबीज के इंजेक्शन
शहर में बंदरों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। घरों के बाहर बैठी तीन महिलाओं को बंदरों ने काट लिया।
संवाद सूत्र, उचाना: शहर में बंदरों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। घरों के बाहर बैठी तीन महिलाओं को बंदरों ने काट लिया। जब बंदर काटे जाने पर नागरिक अस्पताल में महिलाओं के परिजन रेबीज का इंजेक्शन लगवाने पहुंचे तो यहां पर रेबिज के इंजेक्शन न मिलने पर बाजार में दवा की दुकान से रेबिज के इंजेक्शन खरीद कर लगवाए। बंदरों से बचने के लिए भागी महिलाओं में से नीलम को चोट भी लगी।
नीलम, शीला, कमलेश ने बताया कि वो मकान के आगे बैठी थी तो बंदर उनके पीछे पड़ गए। वो बंदरों से बचने के लिए दौड़ी, लेकिन बंदरों ने उनको काट लिया। नीलम को भागते समय हाथ पर चोट भी लगी। बंदरों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। आस-पड़ोस के लोग दौड़ कर आने के बाद बंदर वहां से भागे। शहर में निरंतर बंदरों की तादाद बढ़ रही है। हर रोज किसी न किसी गली में बंदर बच्चे, महिला, बुजुर्ग को काट रहे हैं। बार-बार बंदरों को पकड़वाने की मांग भी नगरपालिका प्रशासन से करने के बाद बंदरों को नहीं पकड़वाया जा रहा है। नागरिक अस्पताल की एमओ डॉ. सुशील गर्ग ने कहा कि पिछले दो से तीन महीने से जिला स्तर पर ही रबीज इंजेक्शन की सप्लाई नहीं आ रही है। पीछे से कमी के चलते ब्लॉक स्तर पर रेबिज इंजेक्शन नहीं आ रहे हैं।
कुर्ते मे थे 70 हजार रुपये, ले उड़े बंदर
उचाना कलां गांव में भौंगरा रोड पर बलबीर के मकान में कमरे में रखे कुर्ते को बंदर उठा ले गए। इसमें मोबाइल, जरूर कागजात के साथ-साथ 70 हजार रुपये की नगदी भी थी। बलबीर ने बताया कि कमरे में कुर्ते को रख कर वह घर में काम कर रहा था। बंदर कमरे से कुर्ते को उठा कर ले गए। दो से तीन हजार रुपये की नगदी तो छत पर मिल गई। बंदरों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। मकान में दरवाजा खुला हो तो बंदर सामान, कुर्ते, कपड़े उठा ले जाते हैं।