योग चिकित्सा आश्रम में पुण्यतिथि पर स्वतंत्रता सेनानियों को किया याद
महर्षि दयानंद योग चिकित्सा आश्रम अर्बन एस्टेट में रविवार को मासिक वैदिक सत्संग का आयोजन हुआ। सभी में इसमें विचार रखे।
जागरण संवाददाता, जींद : महर्षि दयानंद योग चिकित्सा आश्रम अर्बन एस्टेट में रविवार को मासिक वैदिक सत्संग का आयोजन हुआ। इसमें आर्य समाज के वरिष्ठ सन्यासी स्वामी रामवेश की अध्यक्षता में स्वतंत्रता सेनानी, महान सन्यासी स्वामी भीष्म, स्वामी धर्मानंद व गोपाल कृष्ण वानप्रस्थी की पुण्य स्मृति के रूप में याद किया गया। रविदत्त शास्त्री ने कार्यक्रम का संयोजन किया। प्रोफेसर हितेश, सुनील शास्त्री, रविदत्त क्रांतिकारी व अतुल चौहान ने अपने-अपने विचार रखें।
स्वामी रामवेश ने कहा कि स्वामी भीष्म क्रांतिकारियों के साथ रहे व उनका पूर्ण सहयोग किया। उन्होंने लगभग 110 वर्षों तक आर्य समाज के प्रचार के रूप में सेवा की। वे जुझारू एवं क्रांतिकारी थे, घरौंडा उनका निवास स्थान था। आखिरी दिनों में वे पांडू पिडारा आ गए थे। स्वामी भीष्म ने आर्य समाज के प्रचार-प्रसार में अहम सहयोग देते हुए 100 के लगभग आर्य समाज की भजन मंडलियां तैयार की। जिन्होंने गांव-गांव जाकर आर्य समाज के आंदोलन को आगे बढ़ाया। रविदत्त शास्त्री ने स्वामी धर्मानंद के बारे में बताया कि वे शांत, गंभीर प्रवृत्ति के सन्यासी थे। हिदू महान संगठन के संयोजक अतुल चौहान ने भी अपने विचार रखते हुए तीनों महान विभूतियों को याद किया और कहा कि देश की आजादी में आर्य समाज के विद्वानों और नौजवानों का पूरा सहयोग रहा। प्रोफेसर हितेश ने कहा कि हमें महान पुरुषों को किसी न किसी रूप में याद करते रहना चाहिए। आर्य समाज के प्रसिद्ध आर्य भजनोपदेशक सुनील शास्त्री ने भजनों के माध्यम से श्रोताओं को मंत्र-मुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर दयानंद आर्य, कर्ण सिंह राठी, आनंद आर्य, बलवान सिंह आर्य, मास्टर रमेश खटकड़, तरसेम गोयल, जोगेंद्र आर्य व ईश्वर गोयल उपस्थित रहे।