सहायक रजिस्ट्रार के नेतृत्व में बनी जांच कमेटी ने भी माना घालमेल
पेगां पैक्स कर्मचारियों द्वारा नकदी तथा खाद मामले में किए घालमेल में विभाग ने भी तेजी से जांच आगे बढ़ा दी है। सहायक रजिस्ट्रार प्रवीण कादियान के आदेशानुसार सतपाल हुड्डा के नेतृत्व में बनी कमेटी ने भी मामले को लेकर अपनी फाइनल रिपोर्ट विभाग के उच्च अधिकारियों को सौंप दी है।
संवाद सहयोगी, अलेवा : पेगां पैक्स कर्मचारियों द्वारा नकदी तथा खाद मामले में किए घालमेल में विभाग ने भी तेजी से जांच आगे बढ़ा दी है। सहायक रजिस्ट्रार प्रवीण कादियान के आदेशानुसार सतपाल हुड्डा के नेतृत्व में बनी कमेटी ने भी मामले को लेकर अपनी फाइनल रिपोर्ट विभाग के उच्च अधिकारियों को सौंप दी है। कमेटी की रिपोर्ट में साफ है कि कर्मचारियों द्वारा लाखों रुपये का घालमेल किया है। कमेटी ने सभी कर्मचारियों को नामजद कर दिया है। इसके लिए पैक्स से संबंधित कर्मचारियों पर सहायक रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा कार्रवाही की जाएगी। अभी फिगर एक्सपर्ट की रिपोर्ट बाकी है। उम्मीद है मामले को लेकर जल्द विभाग घोटाले का पर्दाफाश करेगा और दोषी कर्मचारी कार्यवाही के लिए तैयार रहें। बैंक से संबंधित कर्मचारियों के मामले में जीएम को पत्र लिखा गया है। जीएम ने विकास अधिकारी सुभाष बिश्नोई के नेतृत्व में कमेटी गठित की है, जिसने जांच शुरू कर दी है। वहीं, कोऑपरेटिव बैंक के महाप्रबंधक जय प्रकाश वर्मा ने बताया कि सहायक रजिस्ट्रार द्वारा लिखे पत्र के अनुसार बैंक से संबंधित कर्मचारियों की संलिप्ता के मामले की जांच विकास अधिकारी सुभाष बिश्नोई के नेतृत्व में बनी कमेटी को सौंप दी है। विभागों को एसआईटी की फाइनल रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट मिलते ही आरोपी लोगों के खिलाफ जल्द कार्रवाही की जाएगी।
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पेगां पैक्स मामले में स्वास्थ्य मंत्री को भेजी शिकायत व सबूत
पेगां पैक्स में नकदी तथा खाद मामले में कर्मचारियों द्वारा लाखों रुपये के घालमेल करने के मामले में संडील गांव के पीड़ित किसानों ने पुलिस कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा किया है। ग्रामीणों ने लॉकडाउन के चलते मामले की शिकायत तथा जुड़े सबूत मेल के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को भेजे हैं। विज को भेजी शिकायत में संडील के पीड़ित किसानों ने कहा कि पुलिस द्वारा जांच के नाम पर किसानों के साथ छलावा किया जा रहा है। पुलिस की मिलीभगत के चलते कर्मचारियों द्वारा सबूतों को मिटाने के लिए रिकार्ड को जला दिया है, लेकिन पुलिस द्वारा पीड़ित किसानों को मामले को लेकर एफआईआर तक उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। पुलिस द्वारा दिखाने के लिए केवल मात्र चार कर्मचारियों पर मामला दर्ज किया है, जबकि मामले से जुड़े मुख्य आरोपी फिलहाल भी पुलिस के साथ सांठगांठ कर पैक्स तथा बैंकों में सेवाएं देने का काम कर रहे हैं। जांच कमेटी द्वारा भी मामले को लेकर अनेक कर्मचारियों को आरोपी माना है, फिर भी पुलिस आरोपियों को बचाने में लगी हुई है।