पेस्टीसाइड डीलर भी किसानों को धान की पराली न जलाने पर करेंगे जागरूक: डा. बलजीत लाठर
हरियाणा कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान (हमेटी) के प्रशिक्षण प्रभारी डा. बलजीत लाठर ने धान की पराली व फसल अवशेष न जलाने के प्रति जागरूक किया।
जागरण संवाददाता, जींद: हरियाणा कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान (हमेटी) के प्रशिक्षण प्रभारी डा. बलजीत लाठर ने धान की पराली व फसल अवशेष न जलाने के प्रति जागरूक किया। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण खराब होता है। इसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है और सांस लेने में भी कठिनाई होती है। पर्यावरण के साथ पराली जलाना हमारी जमीन के लिए भी घातक है। जमीन में मौजूद लाभदायक पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं।
इस अवसर पर डा. बलजीत लाठर ने सभी डीलर्स को पराली न जलाने और किसानों को जागरूक करने की शपथ भी दिलाई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कीट विज्ञान विभाग से सेवानिवृत डा. आरके सैनी ने प्रशिक्षुओं को कई प्रकार की कीटनाशियों, स्प्रे पंप तथा कीटों की रोकथाम संबंधी जानकारी को विस्तार पूर्वक समझाया। उन्होंने आग्रह किया कि पेस्टीसाइड डीलर किसानों को अधिक मात्रा में दवाओं के प्रयोग की सलाह न दें और पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वनस्पति-आधारित कीटनाशियों को बढ़ावा दें। डा. सैनी ने कृषि एवं कीटनाशियों से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिए तथा समय-समय पर कृषि विशेषज्ञों से संपर्क बनाए रखने का आह्वान किया।
इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय हिसार से सेवानिवृत्त एग्रोनोमी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा. जगदेव सिंह ने भी विचार रखे। शस्य क्रियाओं को अपनाकर कृषि में अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। संसाधन संरक्षण तकनीक व बरानी खेती में जल संरक्षण के उपायों की जानकारी दी। डा. जेएन भाटिया व डा. कपूर केरो ने भी डीलर को कृषि से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी।