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जिले के 11 गांवों के लोगों को आज से मिलेगा जमीन का मालिकाना हक

जिले के 11 गांव लाल डोरा मुक्त हो गए हैं। आज से इन गांवों के लगभग 1200 लोगों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिलने जा रहा है। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऑनलाइन कार्यक्रम होगा। इसमें प्रधानमंत्री प्रदेश के एक-एक व्यक्ति से बात करेंगे। उसके बाद लाल डोरा मुक्त हुए गांवों के लोगों को जमीन की रजिस्ट्रियां दे दी जाएंगी। तहसील कार्यालय द्वारा इन गांवों के ग्रामीणों की रजिस्ट्रियां तैयार कर पंचायती विभाग कार्यालय के पास भेज दी गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 06:58 AM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 06:58 AM (IST)
जिले के 11 गांवों के लोगों को आज से मिलेगा जमीन का मालिकाना हक
जिले के 11 गांवों के लोगों को आज से मिलेगा जमीन का मालिकाना हक

जागरण संवाददाता, जींद : जिले के 11 गांव लाल डोरा मुक्त हो गए हैं। आज से इन गांवों के लगभग 1200 लोगों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिलने जा रहा है। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऑनलाइन कार्यक्रम होगा। इसमें प्रधानमंत्री प्रदेश के एक-एक व्यक्ति से बात करेंगे। उसके बाद लाल डोरा मुक्त हुए गांवों के लोगों को जमीन की रजिस्ट्रियां दे दी जाएंगी। तहसील कार्यालय द्वारा इन गांवों के ग्रामीणों की रजिस्ट्रियां तैयार कर पंचायती विभाग कार्यालय के पास भेज दी गई हैं।

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सीएम की घोषणा के बाद पिछले साल जींद के 5 गांवों को लाल डोरा मुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके बाद नरवाना तहसील के 6 और गांवों को लाल डोरा मुक्त करने की योजना में शामिल किया गया। लाल डोरा मुक्त कार्य में पहले ड्रोन से डिजिटल फोटो लिया गया था और बाद में उसका मिलान आबादी देय जमीन के सिजरा, नक्शा तथा मसावी से करके यथास्थिति अनुरूप कार्य योजना तैयार की गई थी। उसके बाद आपत्ति और दावे मांगे गए। इनकी सुनवाई के बाद फाइनल नक्शा पास करवाने के लिए मुख्यालय भेजा गया। वहां से फाइनल होने के बाद इन गांवों को लाल डोरा मुक्त घोषित किया गया। अब इन गांवों में जिनकी जमीन थी, उन्हें मालिकाना हक यानि रजिस्ट्री दी जाएंगी।

यह है लाल डोरा का मतलब

लाल डोरे को अंग्रेजों ने वर्ष 1908 में बनाया था। उस समय रेवेन्यू रिकॉर्ड रखने के लिए खेतीबाड़ी की जमीन के साथ स्थित गांव की आबादी को अलग-अलग दिखाने के मकसद से नक्शे पर आबादी के बाहर लाल लाइन खींची जाती थी। लाल डोरे के अंदर लोग कब्जे की जमीन के मालिक होते हैं, जिसे लाल डोरा भी बोला जाता है।

लाल डोरा मुक्त होने से यह होगा फायदा

-लोगों को जमीन का मालिकाना हक मिल जाएगा।

-जमीनों की खरीद-फरोख्त में आसानी होगी।

-जमीन पर लोन लिया जा सकेगा।

-जमीन या प्रॉपर्टी का पूरा रिकार्ड होगा। इन 11 गांवों के इतने लोगों को दी जाएंगी रजिस्ट्रियां गांव का नाम -रजिस्ट्रियों की संख्या जाजवान -302 संगतपुरा -148 ढांडा खेड़ी -201 ईंटल कलां -366 ईंटल खुर्द -151 ढिढोली -153 ढाबी टेक सिंह -492 हंस डहर -263 गढ़ी -167 पदार्थ खेड़ा -244 रसीदां -125

रजिस्ट्री कर पंचायती विभाग को सौंपी : मनोज अहलावत

जींद के तहसीलदार मनोज अहलावत ने बताया कि जींद तहसील के पांच गांवों को लाल डोरा मुक्त कर जमीन की रजिस्ट्रियां पंचायती विभाग को सौंप दी हैं। इसका रिकार्ड तहसील कार्यालय में भी होगा तो एक काफी पंचायती विभाग और एक कॉपी जमीन के मालिक को दी जाएगी।

आज पीएम का होगा ऑनलाइन कार्यक्रम : डीडीपीओ

डीडीपीओ आरके चांदना ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑनलाइन कार्यक्रम के बाद मैनुअली तरीके से लाल डोरा की जमीन के मालिकों को रजिस्ट्री देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। जितनी रजिस्ट्रियां तैयार हो चुकी हैं, वह जल्द ही मालिकों को दी जाएंगी।


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