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बसों के प्रेशर हॉर्न बना रहे लोगों को बहरा

शहर में सड़कों पर बसों में लगाए गए प्रेशर हार्न से सारा दिन शोर मचा रहता है। इससे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना तो हो ही रही है साथ ही ध्वनि प्रदूषण भी फैलता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 06:26 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 06:26 AM (IST)
बसों के प्रेशर हॉर्न बना रहे लोगों को बहरा
बसों के प्रेशर हॉर्न बना रहे लोगों को बहरा

जागरण संवाददाता, जींद : शहर में सड़कों पर बसों में लगाए गए प्रेशर हार्न से सारा दिन शोर मचा रहता है। इससे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना तो हो ही रही है साथ ही ध्वनि प्रदूषण भी फैलता है। सेक्टरों में रहने वाले लोगों विशेषकर बुजुर्गों और बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सेक्टरवासियों ने मांग की है कि वाहनों से प्रेशर हॉर्न हटाया जाए।

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शहर में एसपी निवास के सामने से अर्बन एस्टेट, विजय नगर और सेक्टरों से होते हुए बसें सफीदों, पानीपत और दूसरे लोकल मार्गों पर जाती हैं। कायदे से तेज ध्वनि वाले हॉर्न का प्रयोग इन सेक्टरों में नहीं किया जा सकता लेकिन रोडवेज बसों और दूसरे वाहनों में धड़ल्ले से प्रेशर हॉर्न का प्रयोग किया जा रहा है। प्रेशर हॉर्न बजाकर तेज गति में निकलने वाले वाहनों की वजह से पैदल, साइकिल और दूसरे दुपहिया सवार तथा स्थानीय लोगों को काफी परेशानी होती है। रोडवेज की बसों में भी प्रेशर हार्न लगे हुए हैं। यात्रियों को बैठाते समय और सेक्टरों से गुजतरे समय जब यह हॉर्न बजाते हैं तो एक पल के लिए यात्रियों का कान सुन्न हो जाता है।

प्रेशर हॉर्न का 10 हजार रुपये का चालान, ट्रैफिक पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई

बसों में या दूसरे वाहनों में प्रेशर हॉर्न लगाने व बजाने पर 10 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ट्रैफिक पुलिस द्वारा किसी भी बस या दूसरे वाहन का प्रेशर हॉर्न का चालान नहीं किया गया है।

बसों से हटाए जाएं प्रेशर हॉर्न : एडवोकेट नेहरा

शहर के विजय नगर निवासी एडवोकेट शमशेर नेहरा ने कहा कि शहर के बीच धड़ल्ले से प्रेशर हॉर्न का प्रयोग किया जा रहा है। हमारा कान 30-50 डेसिबल तक सुनने की क्षमता रखता है। इससे अधिक क्षमता के हार्न सीधे-सीधे हमारे दिमाग व कान को प्रभावित कर रहे हैं। इससे तमाम बीमारियों का लोग शिकार हो रहे हैं। इस पर पूरी तरह नियंत्रण होना चाहिए। सड़क पर चल रहे पैदल चल रहे बच्चे, बुजुर्ग, साइकिल सवारों को प्रेशर हॉर्न की वजह से तेज आवाज के कारण सीधे दिल पर अटैक होता है। अगर रोडवेज बसों से प्रेशर हॉर्न नहीं हटाए गए तो वह कोर्ट में इसके खिलाफ अपील करेंगे। जींद डिपो के महाप्रबंधक बिजेंद्र हुड्डा ने कहा कि बसा चालकों को आदेश दिया जाएगा कि बसों में प्रेशर हॉर्न का प्रयोग न करें।


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