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विपक्षी पार्षदों ने लगाए नगर पालिका पर फर्नीचर खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप

संवाद सूत्र, सफीदों : नगरपालिका के विपक्ष के पार्षद गौरव रोहिल्ला ने प्रधान सेवाराम सैनी पर अपनी शक्

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 May 2018 01:58 AM (IST)Updated: Tue, 08 May 2018 01:58 AM (IST)
विपक्षी पार्षदों ने लगाए नगर पालिका पर फर्नीचर खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप
विपक्षी पार्षदों ने लगाए नगर पालिका पर फर्नीचर खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप

संवाद सूत्र, सफीदों : नगरपालिका के विपक्ष के पार्षद गौरव रोहिल्ला ने प्रधान सेवाराम सैनी पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने, पालिका की जमीन को बेचने और फर्नीचर की खरीद में घोटाला करने जैसे गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने सोमवार को पत्रकारवार्ता कर प्रधान के खिलाफ ली गई आरटीआई से हुए खुलासा किया। पत्रकार वार्ता में उनके साथ नगर पार्षद मुकेश थनई व पार्षद मोहन वर्मा भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि आरटीआई में हुए खुलासे के दौरान प्रधान व सत्तापक्ष पार्षदों ने फर्नीचर की खरीद नियमों को ताक पर रख कर की है। फर्नीचर खरीद में प्रधान ने प्रस्ताव पारित होने से पहले ही फर्नीचर की पेंमट कर दी गई, जबकि यह फर्नीचर खरीद टैंड¨रग के तहत होनी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि फर्नीचर के बिलों को ऑडिट भी नहीं करवाया गया, जिससे फर्नीचर खरीद में भारी गोलमाल की आशंका है। दरअसल 8 मई को पालिका हाउस की बैठक होगी। जिसमें शहर के विकास कार्यों पर निर्णय लिए जाऐगें। पार्षद गौरव रोहिल्ला ने कहा कि पालिका प्रधान सेवा राम सैनी ने नगरपालिका सफीदों के खसरा नंबर 193 के प्लाट को बेचकर सरकार को चुना लगाने का काम किया है। सेवाराम सैनी ने दिनांक 16 अक्टूबर 2017 को सफीदों के खसरा नंबर 193 की निशानदेही करवाई गई थी। निशानदेही में 95 व्यक्तियों के मकान नाजायज कब्जा में पाए गए। इसमें जमीन पर बने मकान को सेवाराम सैनी ने फर्जी कागजातों के साथ वसीका नंबर 391 के तहत दिनांक 2 जून 2009 को 3.92 लाख रुपए में एक महिला को बेच दिया। जिससे पालिका के साथ धोखाधड़ी की गई। उक्त सभी आरोपों की उच्च स्तरीय जांच करवाने व पालिका प्रधान को पदमुक्त करने की मांग को लेकर उन्होंने हरियाणा के राज्यपाल को पत्र लिखा है। नगरपालिका प्रधान सेवाराम सैनी ने पार्षद गौरव रोहिल्ला के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि पालिका में सभी कार्य नियमों के तहत हो रहे हैं। पालिका में फर्नीचर नहीं था, जिसकी खरीद के लिए कमेटी बनाकर फर्नीचर की खरीद करवाई गई थी। वे फर्नीचर की खरीद को लेकर किसी भी जांच के लिए तैयार है। फर्नीचर खरीद में पैसा कम पड़ने के कारण अतिरिक्त धन के लिए फिर से प्रस्ताव पारित किया गया है। प्रस्ताव पारित होने के बाद ही फर्नीचर की पेमेंट की गई थी। उन्होंने कहा कि जिस जमीन को बचने के आरोप लगाए जा रहे है, यह जमीन उनकी पैतृक है। सरकार ने उनके पिता के नाम बाकायदा रजिस्ट्री करवा रखी है। वे जांच के दौरान सभी सबूतों को पेश कर सकते है। उन्होंने कहा कि उक्त लोग सत्ता हासिल करने के लिए पिछले डेढ वर्षों से प्रयास कर रहे है और ऐसे ही अनरगल आरोप लगाए जा रहे है।

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