सीआइए की मिलीभगत की खुल रही परतें, सेटिग करके छोड़ा था ट्रक मालिक का बेटा
डोडा पोस्त की खेप में 398 किलोग्राम की गड़बड़ी के मामले में सीआइए स्टाफ की मिलीभगत की परतें एक के बाद एक खुल रही हैं।
जागरण संवाददाता, जींद : डोडा पोस्त की खेप में 398 किलोग्राम की गड़बड़ी के मामले में सीआइए स्टाफ की मिलीभगत की परतें एक के बाद एक खुल रही हैं। एएसपी अजित शेखावत के नेतृत्व में गठित कमेटी की जांच में सामने आया कि 18 दिसंबर को सीआइए टीम ने नरवाना से जब ट्रक चालक राकेश को पकड़ा था, उस समय उसके साथ ट्रक मालिक का बेटा करनाल जिले के गांव ललिहानी निवासी अमनदीप भी सवार था। आरोपित राकेश व अमनदीप के पकड़े जाने के बाद से ही मिलीभगत शुरू हो गई। सीआइए के जांच अधिकारी प्रवीन व जयवीर ने वहीं पर सेटिग करके ट्रक चालक जगरूप की तो रिकार्ड में गिरफ्तारी दिखा दी, जबकि अमनदीप के साथ सेटिग करके उसे छोड़ दिया। इसके बाद मध्यप्रदेश से डोडा पोस्त लाने की कहानी ट्रक चालक राकेश के ऊपर ही बना दी। उसके बाद सीआइए की टीम ने ट्रक को कब्जे में लेकर उचाना थाने में खड़ा कर दिया। आरोपित अमनदीप के साथ मिलीभगत के चलते ही प्याज से भरे हुए ट्रक की तलाशी नहीं ली। चालक गांव पालवां निवासी जगरूप को पांच दिन के रिमांड के बाद जेल भेजने के बाद ट्रक को छोड़ने की तैयारी कर ली थी, लेकिन इसी दौरान स्टेट नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम ने उचाना थाने में छापेमारी कर दी और ट्रक की तलाशी लिए जाने के बाद 398 किलो 150 ग्राम डोडा पोस्त बरामद किया था और सीआइए के जांच अधिकारी एएसआइ प्रवीन व जयवीर के खिलाफ मिलीभगत का मामला दर्ज किया था। इसके चलते डीआइजी ओपी नरवाल ने तुरंत ही इसकी जांच के लिए एएसपी अजित शेखावत, डीएसपी जितेंद्र व सीआइए के नए इंचार्ज बने मनोज वर्मा के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया था। एसआइटी की टीम ने कार्रवाई करते हुए ट्रक मालिक के बेटे अमनदीप को गिरफ्तार किया और उसे अदालत में पेश करके आठ दिन के रिमांड पर लिया है।
शिनाख्त करने वालों से लेकर इंचार्ज तक शक के दायरे में
एएसपी अजित शेखावत ने कहा कि डोडा पोस्त में हुई मिलीभगत में जांच अधिकारियों के साथ दूसरे कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं। मिलीभगत में शामिल पुलिस कर्मियों का पता लगाने के लिए एसआइटी की टीम जड़ तक जाएगी और जो भी पुलिस कर्मी इसमें शामिल मिलेंगे उनको बक्शा नहीं जाएगा। डोडा पोस्त पकड़े जाने के दिन जो मामला दर्ज हुआ है उस दिन शिनाख्त करने वाले पुलिस कर्मियों से लेकर सीआइए के इंचार्ज को भी जांच में शामिल किया जाएगा। सीआइए टीम में शामिल 14 पुलिस कर्मियों में से अब तक आठ को सस्पेंड किया जा चुका है। इसके अलावा सीनियर अधिकारियों तक पूरी जानकारी नहीं देने पर उचाना एरिया के सुरक्षा एजेंट को भी सस्पेंड किया गया है। मिलीभगत के अलावा एसआइटी नशे के धंधे से जुड़े लोगों तक पहुंचेगी और उनको सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। अगर मुख्यालय से आदेश मिलते हैं तो इससे पहले पकड़ी गई नशीले पदार्थों की खेप की फाइलों की जांच भी की जा सकती है।
मंदसौर से नशे की खेप लेकर आए थे आरोपित
आरोपित ट्रक मालिक के बेटे अमनदीप व चालक जगरूप सिंह ने चंडीगढ़ सब्जी मंडी के आढ़ती के लिए प्याज लेकर आ रहे थे। रास्ते में उन्होंने मध्यप्रदेश के मंदसौर से नशीले पदार्थ तस्कर इराद से करीब आठ क्विटल डोडा पोस्त लिया था और प्याज के कट्टों के नीचे दबा दिया। जींद पहुंचते ही उन्होंने गांव पालवां निवासी जगरूप से संपर्क किया। उचाना के निकट सुनसान एरिया में ट्रक को खड़ा करके उससे 414 किलोग्राम डोडा पोस्त कट्टों के नीचे से निकालकर टाटा एस में भर दिया और वह नरवाना की तरफ निकल गए। इसी दौरान सीआइए टीम ने जगरूप को पकड़ लिया। उसकी निशानदेही पर नरवाना के निकट से ट्रक को भी काबू कर लिया। ट्रक के काबू करते ही पुलिस कर्मियों का तस्करों के साथ मिलीभगत का खेल शुरू हो गया।
ज्यादा कमाने की चाहत ने पहुंचाया सलाखों के पीछे
आरोपित अमनदीप ने पुलिस पूछताछ में बताया किया कि पिछले दिनों ही उन्होंने नया ट्रक लिया था। मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र से प्याज लाने के लिए उनको 40 से 50 हजार रुपये किराया मिलता था। इसलिए ज्यादा कमाने के चक्कर में वह नशीले पदार्थ तस्करों के संपर्क में आ गए। इसलिए एक नशे की खेप लाने में उनको डेढ़ से दो लाख रुपये मिल जाते थे। इसी लालच में वह मध्यप्रदेश के मंदसौर से डोडा पोस्त लेकर आए थे।