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भाजपा को जमुना पार करने की बात करने वाले ही मजबूत बना रहे : अभय

इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने उचाना हलके के दौरे के दूसरे दिन ग्रामीणों से रूबरू होते हुए कहा कि किसान आंदोलन मजबूत हो इसके लिए आप लोगों से मिलने आया हूं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 06:00 AM (IST)
भाजपा को जमुना पार करने की बात करने वाले ही मजबूत बना रहे : अभय
भाजपा को जमुना पार करने की बात करने वाले ही मजबूत बना रहे : अभय

संवाद सूत्र, उचाना : इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने उचाना हलके के दौरे के दूसरे दिन ग्रामीणों से रूबरू होते हुए कहा कि किसान आंदोलन मजबूत हो, इसके लिए आप लोगों से मिलने आया हूं। कभी किसानों को खालिस्तानी, अलगाववादी तो कभी कहा कि ये आंदोलन केवल सिखों का है। सरकार में बैठे नेता जैसे-जैसे नेता आरोप लगाते रहे, आंदोलन कमजोर होने के बजाय बढ़ता गया। अभय ने डूमरखां कलां व खुर्द और करसिधु सहित 10 गांवों में सभाओं को संबोधित किया।

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अभय ने दुष्यंत चौटाला का नाम न लेते हुए कहा कि ऐसे लोग सत्ता में बैठे हैं, जिन्होंने बड़े-बड़े वायदे किए थे। बुजुर्गो को 5100 रुपये पेंशन, किसानों के कर्जे माफ करने, बेरोजगारी भत्ता 11 हजार रुपये देने सहित अनेकों वायदे किए थे। ये लोग कहते थे कि भाजपा को जमुना पार कराएंगे। भाजपा को हत्यारों की सरकार बताते थे। जो वोट लोगों ने दिए, उस वोट की इज्जत रखते हुए भाजपा को सत्ता से बाहर करना चाहिए था। उलटा भाजपा को मजबूत करने में लग गए। भतीजे दुष्यंत चौटाला के विधानसभा क्षेत्र के गांव डूमरखां कलां में अभय चौटाला ने कहा कि अब किसान आंदोलन ने इतना बड़ा रूप ले लिया है कि ये आज हिदुस्तान का नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का हो गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कुछ फैसले लिए हैं। इसमें 10 अप्रैल को केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रेस-वे बंद करेंगे। मई में करोड़ों लोग दिल्ली की तरफ कूच करेंगे, फिर क्या आरोप लगाएंगे। दिल्ली केंद्र सरकार की नहीं, हमारी है। देश को आजाद कराने सबसे बड़ी भूमिका अन्नदाता की थी। 80 फीसद जनता जो गांव में रहती थी, उन लोगों ने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। वो आजादी की लड़ाई नहीं लड़ते तो देश आजाद नहीं होता, फिर तो देश गुलाम रहता। कटाई के समय धरने पर बुजुर्गो को भेजो

अभय चौटाला ने कहा कि किसान आंदोलन में कोई कमी नहीं है, इसलिए वे गांव-गांव जा रहे हैं। आने वाले 10 से 15 दिन गेहूं की कटाई के हैं। इसलिए इस समय युवा खेतों में काम करें और गांव के बड़े-बुजुर्गो को धरनों पर भेजें। मौके पर रामफल कुंडू, बलराज नगूरां, सत्ता डूमरखां, कर्ण सिंह अलेवा, राजा डूमरखां, जीवन छापड़ा, वकील करसिधु, चांदी करसिधु, वीरभान झील, महाबीर दरोली, सुमित्रा देवी मौजूद रहे।


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