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बेहतर संवाद से ही होगा बच्चों की समस्याओं का समाधान

माता-पिता व बचों के मध्य बेहतर संवाद प्रक्रिया तथा जिज्ञासा से उत्पन्न सवालों का समय रहते समाधान करते हुए बचों का बेहतर मार्गदर्शन किया जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 07:10 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 07:10 AM (IST)
बेहतर संवाद से ही होगा बच्चों की समस्याओं का समाधान
बेहतर संवाद से ही होगा बच्चों की समस्याओं का समाधान

जागरण संवाददाता, जींद : माता-पिता व बच्चों के मध्य बेहतर संवाद प्रक्रिया तथा जिज्ञासा से उत्पन्न सवालों का समय रहते समाधान करते हुए बच्चों का बेहतर मार्गदर्शन किया जा सकता है। यह बात सफीदों के गांव करसिधु स्थित वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं शिक्षकों से प्राप्त सवालों के जवाब देते हुए मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी, अनिल मालिक ने कही।

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हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्य स्तरीय महत्वाकांक्षी परियोजना बाल सलाह, परामर्श एवं कल्याण केंद्रों के अंतर्गत निरंतर आयोजित किए जा रहे ऑनलाइन मनोवैज्ञानिक परामर्श कार्यक्रम सवाल आपके जवाब हमारे के अंतर्गत तनाव प्रबंधन, ऑनलाइन शिक्षा पद्धति, योग, फैशन, माता-पिता का कड़ा अनुशासन तथा सख्त वातावरण, बच्चों के मन में उत्पन्न भ्रम व मानसिक तनाव का निवारण, शरीर के विकास में संतुलित आहार का महत्व, किशोरावस्था के दौरान नशीली दवाओं से बचाव के उपाय, बच्चों की पढ़ाई के प्रति रुचि तथा मानसिक तनाव प्रबंधन के विषय पर विभिन्न सवालों के मनोवैज्ञानिक जवाब प्रदान करते हुए अनिल मलिक ने कहा कि बाल्यावस्था से प्रेरणादायी, सहयोगात्मक, मित्रवत वातावरण परवरिश के तौर-तरीकों से तनाव प्रदान करने वाली उत्पन्न परिस्थिति से कुछ हद तक बचा जा सकता है। संगीत विद्या से भी तनाव प्रबंधन किया जा सकता है। संगीत एक थेरेपी है जो बहुत कारगर सिद्ध हो सकती है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, एकाग्रता बढ़ती है, भावनाएं जागृत होती हैं। बदलाव पर माता-पिता रखें नजर

माता-पिता को बच्चों के व्यवहार में मानसिक स्थिति में होने वाले बदलाव पर नजर रखनी चाहिए। तनाव का कारण समझें, मुश्किलें साझा करें, कोई परेशानी होने पर उन्हें सहानुभूतिपूर्वक समझाएं, तनाव की परिस्थितियां मनोवैज्ञानिक, मनोदैहिक व शारीरिक होती हैं। पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों की दिनचर्या रचनात्मक व्यस्तता भरी होनी चाहिए। इंटरनेट, मोबाइल, सोशल मीडिया से दूरी जरूरी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल प्रिसिपल डॉ नरेश वर्मा ने की और कार्यक्रम अधिकारी मलकीत चहल का विशेष सहयोग रहा।


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