20 दिन में पकड़े मात्र 180 गोवंश, नोटिस की तैयारी
जागरण संवाददाता जींद शहर में गोवंश पकड़ने का अभियान धीमी गति से चल रहा है।
जागरण संवाददाता, जींद: शहर में गोवंश पकड़ने का अभियान धीमी गति से चल रहा है। पिछले नौ दिन की बात करें तो ठेकेदार ने 180 गोवंश पकड़कर नंदीशाला भेजे हैं। यानी हर दिन 20 गोवंश पकड़ा जा रहा है। शहर में करीब ढाई गोवंश सड़कों पर है। अगर इसी गति से अभियान चलता है तो ढाई हजार गोवंश पकड़ने के लिए चार माह लगेंगे। धीमी गति से चल रहे अभियान के लिए नगर परिषद ठेकेदार को नोटिस भेजेगी। गोवंश पकड़ने के टेंडर में क्या-क्या शर्तें थी, उनको देखा जाएगा। अगर टेंडर की शर्तों के अनुसार अभियान नहीं चल रहा होगा, तो ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने शहर में घूम रहे बेसहारा गोवंश का मुद्दा उठाते हुए अभियान चलाया हुआ है। सोमवार के अंक में एक साल में छह लाख खर्च करने के बावजूद सड़कें गोवंश मुक्त नहीं होने की खबर प्रकाशित की थी। इसमें नगर परिषद और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए डीसी से बात की गई। जिसके बाद नगर परिषद ने ठेकेदार को नोटिस देने और अभियान को तेज करने का फैसला लिया। केवल एक टीम कर रही काम
ठेकेदार गोवंश पकड़ कर नंदीशाला छोड़ रहा है। गोवंश पकड़ने के लिए एक टीम लगाई हुई है, जो प्रतिदिन 20 से 25 गोवंश ही पकड़ रही है। बीच में एकाध दिन गोवंश पकड़ने का अभियान बंद रहता है। जबकि नंदीशाला प्रबंधन कमेटी का कहना है कि एक दिन में 40 गोवंश भी वे लेने को तैयार हैं। नगर परिषद एक और टीम लगाने की बात कह रही है। लेकिन अभी तक दूसरी टीम इस काम में नहीं लगाई गई। रविवार रात को फिर हादसा
अर्बन एस्टेट में पूनिया अस्पताल के पास रविवार रात्रि गाय से बाइक टकरा गई। इसमें बाइक सवार घायल हो गया। वहीं, गाय की मौत हो गई। घायल को काफी चोटें आई। हालांकि उसे उपचार के लिए कहां ले जाया, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई। मौके पर मौजूद आसपास के लोगों ने बताया कि अंधेरा होने की वजह से बाइक सवार को गाय दिखाई नहीं दी। जिसके चलते उसकी बाइक गाय से टकरा गई। टक्कर इतनी भयानक थी कि कुछ देर तड़पने के बाद गाय की मौत हो गई। अगस्त में गोवंश की वजह से हुए हादसों में तीन लोगों की जान गई थी। वर्जन
गोवंश को पकड़ने का अभियान तेज किया जाएगा। इसके लिए ठेकेदार को नोटिस भेजा जाएगा। गोवंश पकड़ने का जो टेंडर दिया है, उसमें क्या-क्या शर्तें हैं। उनको देख कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। शहर को जल्द ही गोवंश की समस्या से निजात दिलाई जाएगी।
डा. एसके चौहान, ईओ, नगर परिषद, जींद