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किसान का कमाल : 100 रुपये का एक अमरूद, स्‍वाद है निराला, बिक रहा हाथोंहाथ

जींद के एक किसान ने बेहद निराला अमरूद उगाया है। उसके उगाए एक अमरूद की कीमत 100 रुपये है। इतना महंगा होने के बावजूद यह हाथोंहाथ बिक रहा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 09:56 AM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 09:24 AM (IST)
किसान का कमाल : 100 रुपये का एक अमरूद, स्‍वाद है निराला, बिक रहा हाथोंहाथ
किसान का कमाल : 100 रुपये का एक अमरूद, स्‍वाद है निराला, बिक रहा हाथोंहाथ

जींद, [बिजेंद्र मलिक]। कंडेला गांव भाव प्रति किलो नहीं, बल्कि प्रति अमरूद मिल रहे हैं। एक अमरूद की कीमत 100 रुपये है। ये सुनने में अजीब लगता है। इतनी महंगी तो सेब भी नहीं है, लेकिन यह कोई बाजार में मिलने वाला सामान्य अमरूद नहीं है। एक अमरूद का वजन 800 ग्राम से एक किलो तक है। किसान सुनील कंडेला ने अपने खेत में दो साल पहले तीन एकड़ में अमरूद का बाग लगाया था। जिसमें से एक एकड़ में थाईलैंड की किस्म के अमरूद लगाए हैं।

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जैविक तरीके से दो साल पहले लगाया बाग, एक अमरूद का वजन 800 ग्राम से भी ज्यादा

इस साल बड़ी मात्रा में अमरूद का उत्पादन हुआ। न मार्केटिंग करनी पड़ी और न ही बेचने के लिए मंडी जाना पड़ा। खेत से ही अमरूद खरीदकर ले जाने वालों की होड़ लग गई। आसपास के गांवों के अलावा दूसरे जिलों व राज्यों से भी लोग आ रहे हैं।

ऑर्गेनिक कल्याण मंच के संस्थापक विनोद मेहता के नेतृत्व में चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सुनील के खेत में पहुंचा। इसमें विनोद शर्मा, राजेंद्र सिंह व नरवीर चौहान शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने ऑर्गेनिक तरीके से तैयार किए अमरूद के फलों की प्रक्रिया समझी। वे अपने साथ 10 किलो अमरूद लेकर गए हैं, ताकि वहां लोगों को इसके आकार व स्वाद के बारे में बता सकें।

ऐसे किया तैयार

सुनील ने बताया कि उसने पौधे पर लगे फलों को ट्रिपल प्रोटेक्शन फॉम से कवर किया। इससे फल पर गर्मी, सर्दी, धूल व बीमारियों का सीधा असर ना हो। इससे अमरूद का साइज भी काफी बढ़ गया। इसमें ना तो किसी तरह के स्प्रे का प्रयोग किया गया है और न ही रासायनिक खाद का। खेत में घास-फूस व पौधों के पत्तों को गला कर तैयार की गई खाद का प्रयोग करते हैं।

डालते हैं गाय का गोबर

सुनील ने तीन गाय पाल रखी हैं। इनके गोबर व मूत्र को खाद के रूप में प्रयोग करता है। खाद व मूत्र में डी-कंपोजर डाल कर जैविक खाद बनाते हैं। सुनील बताते हैं कि इससे लागत भी काफी कम आती है और फसल में किसी तरह के कीटनाशकों का प्रयोग भी नहीं करना पड़ता।

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पानीपत से पहुंची कृषि विभाग की टीम

सुनील के बाग को देखने के लिए पानीपत से कृषि विभाग की टीम पहुंची और अमरूद की क्वालिटी देखी। उन्होंने बताया कि हरियाणा में पहली बार इस किस्म का अमरूद देखा है और स्वाद भी अच्छा है। टीम अपने साथ बाग से 10 किलो अमरूद भी लेकर गई।

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