बुजुर्गों की सेवा करने से बड़ा नहीं कोई पुण्य का काम : राजेश गोयल
संवाद सूत्र, नरवाना : भारतीय संस्कृति में वृद्धों को सदा ही सम्मान मिलता रहा है। हमारे समाज में इन्ह
संवाद सूत्र, नरवाना : भारतीय संस्कृति में वृद्धों को सदा ही सम्मान मिलता रहा है। हमारे समाज में इन्हें घर की नींव कहा जाता है, लेकिन अफसोस आजकल की भौतिकवादी दुनिया में व्यक्ति जहां आधुनिक वस्तुओं का इस्तेमाल करने लगा है। वहीं संस्कारों के प्रति उसकी आस्था पीछे छूटने लगी है। मां-बाप उसे अब बोझ लगने लगे हैं और उन्हें साथ रखना अब वो अपना दायित्व नहीं, अपितु मजबूरी समझने लगा है। ये कथन दिल्ली हाउसिग फाइनेंस कारपोरेशन लि. के चेयरमैन राजेश ने श्री राधेश्याम गऊ आश्रम ट्रस्ट के तत्वावधान में वृद्धाश्रम के शिलान्यास पर आयोजित कार्यक्रम में कहे। कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वप्रथम यज्ञ से किया गया। जिसमें मुख्य यजमान की भूमिका रमेश गर्ग ने की। भूमि पूजन का कार्य रामकुमार गोयल और सौरभ गर्ग ने संपन्न किया।
वृद्धाश्रम में बनेंगे 14 कमरे
रमेश गर्ग ने बताया कि वृद्धाश्रम की इमारत तीन मंजिला होगी। जिसमें आरोह-अवरोह के लिए सीढि़यों के साथ-साथ लिफ्ट की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके अतिरिक्त प्रथम तल पर 14 कमरे, रसोई घर, भोजन कक्ष, कार्यक्रम के लिए हॉल तथा मंदिर का निर्माण किया जाएगा। वहीं बुजुर्गों के घूमने-योगाभ्यास करने के लिए पार्क की व्यवस्था भी होगी।