जींद अनाज मंडी में छठे दिन भी गेहूं की खरीद नहीं, बता रहे ज्यादा नमी
गेहूं की सरकारी खरीद एक अप्रैल से शुरू हो चुकी है। लेकिन जींद अनाज मंडी में छठे दिन तक किसी एजेंसी ने गेहूं नहीं खरीदा है।
जागरण संवाददाता, जींद : गेहूं की सरकारी खरीद एक अप्रैल से शुरू हो चुकी है। लेकिन जींद अनाज मंडी में छठे दिन तक किसी एजेंसी ने गेहूं नहीं खरीदा है। खरीद शुरू ना करने का कारण मंडी में आए गेहूं में नमी ज्यादा होना बताया जा रहा है। लेकिन असल में आढ़ती 10 अप्रैल से पहले खरीद शुरू नहीं कराना चाहते हैं। मंडी में आई कई ढेरी तो ऐसी हैं, जिनका तापमान जांच किए बगैर ही नमी ज्यादा बता कर खरीद नहीं की गई। मंडी में करीब डेढ़ हजार क्विटल गेहूं आ चुका है। खरीद शुरू ना होने के कारण किसान अपनी फसल को मंडी में आढ़ती के भरोसे छोड़ कर जा रहे हैं। मंगलवार को जींद अनाज मंडी में आढ़तियों की मीटिग भी हुई। जिसमें स्टेट कार्यकारिणी की तरफ से लिए गए फैसलों पर चर्चा की गई। स्टेट कार्यकारिणी के फैसले के अनुसार अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है, तो आठ अप्रैल को हड़ताल पर जाने का फैसला लिया जा सकता है। वहीं छह व सात अप्रैल को सीधे तौर पर हड़ताल पर जाने की बजाय गेहूं की खरीद ना कराने की बात हुई। -------------- मंडी में ज्यादा गेहूं नहीं आया है : प्रधान जींद मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान सत्यवान उर्फ सत्तु रेढू ने बताया कि स्टेट कार्यकारिणी को ही पता है, कौन सी मांगें पूरी हुई हैं और कौन सी मांगें बाकी हैं। जो स्टेट कार्यकारिणी के आदेश होंगे, उसके अनुसार ही फैसला लिया जाएगा। वैसे भी अभी मंडी में ज्यादा गेहूं नहीं आया है। कुछ ढेरियों में नमी भी ज्यादा है। बारदाने की भी समस्या है। एजेंसी पहले आढ़तियों की दुकानों के आगे बारदाना डालती थी। लेकिन इस बार शेड के नीचे उतार दिया गया। बाकी एजेंसियों की तरफ से बारदाना नहीं भेजा गया है। ---------------- लिया जाएगा संज्ञान : डीएफएससी जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी विरेंद्र सिंह ने बताया कि वैसे बारदाने की कमी तो है, लेकिन सभी एजेंसियों के पास फिलहाल बारदाना है। पीछे से बारदाना मंगवाया जा रहा है। उचाना में गेहूं की खरीद शुरू करा दी है। जींद मंडी में खरीद में क्या दिक्कत है, उस पर संज्ञान लिया जाएगा। किसानों को मंडी में किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। वहीं जींद मार्केट कमेटी सचिव संजीव कुमार ने बताया कि मंगलवार को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की खरीद थी। एजेंसी ने फसल में नमी ज्यादा बताई। जिसके कारण खरीद नहीं हुई।