ना बारदाना, ना पेमेंट, ना ही उठान, आढती और किसान परेशान
सफीदों की अनाज मंडी में दस लाख क्विंटल से ज्यादा गेहूं आ चुका है लेकिन बारदाने व उठान में देरी के कारण गेहूं से अनाज मंडी भरी पड़ी है। गेहूं की आवक जारी है लेकिन रखने की जगह नहीं है। वहीं पेमेंट ना होने से आढ़ती व किसान दोनों परेशान हैं। अनाज मंडी के आढती प्रधान शिव चरण कंसल ने बताया कि 15 दिन पहले हेफैड वेयर हाउस और एफसीआइ ने गेहूं की परचेज करनी शुरू कर दी थी।
संवाद सूत्र, सफीदों : सफीदों की अनाज मंडी में दस लाख क्विंटल से ज्यादा गेहूं आ चुका है लेकिन बारदाने व उठान में देरी के कारण गेहूं से अनाज मंडी भरी पड़ी है। गेहूं की आवक जारी है लेकिन रखने की जगह नहीं है। वहीं पेमेंट ना होने से आढ़ती व किसान दोनों परेशान हैं। अनाज मंडी के आढती प्रधान शिव चरण कंसल ने बताया कि 15 दिन पहले हेफैड, वेयर हाउस और एफसीआइ ने गेहूं की परचेज करनी शुरू कर दी थी। जिसकी आज तक कोई पेमेंट नहीं हुई है जिसके कारण मंडी के आढ़ती व किसान परेशान हैं। किसान कई बार तो पेमेंट के लिए आढ़ती से बहस करने लगे जाते हैं और झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि मंडी की करीब 140 करोड़ की पेमेंट अटकी हुई है। पेमेंट ना होने के कारण आढ़ती किराया भाड़ा भी नहीं दे पा रहा है किसान की पेमेंट तो कहां से करेगा। वहीं पिछले पांच दिनों से बारदाने की कमी में गेहूं की फसल खुले में पड़ी है। अगर बरसात आ जाती है, तो गेहूं की फसल खराब होने का खतरा बना हुआ है। मार्केट कमेटी चेयरमैन विक्रम राणा ने इन समस्याओं के बारे में बताया कि बारदाने की कमी पूरे हरियाणा में बनी हुई है। यहां की शिकायत भी उच्च अधिकारियों को भेज डी गई है। गेहूं के उठान के ठेकेदारों को बुला कर तीन दिनों के अंदर अंदर गेहूं उठान के सख्त निर्देश दिए गए। अगर इसके बाद भी ठेकेदार उठान कार्य तेजी से नहीं करता है तो उनके खिलाफ नोटिस निकाल कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।