सर्वे में देरी से नगर परिषद के अटके नौ करोड़, एजेंसी से होगी नुकसान की भरपाई
नगर परिषद प्रॉपर्टी सर्वे में हो रही देरी से हो रहे आर्थिक नुकसान की भरपाई सर्वे एजेंसी से करने की तैयारी में है। ईओ डॉ. एसके चौहान ने बृहस्पतिवार को एजेंसी के प्रतिनिधि को बुलाकर फटकार लगाई और सर्वे के एग्रीमेंट की कॉपी मांगी।
जागरण संवाददाता, जींद : नगर परिषद प्रॉपर्टी सर्वे में हो रही देरी से हो रहे आर्थिक नुकसान की भरपाई सर्वे एजेंसी से करने की तैयारी में है। ईओ डॉ. एसके चौहान ने बृहस्पतिवार को एजेंसी के प्रतिनिधि को बुलाकर फटकार लगाई और सर्वे के एग्रीमेंट की कॉपी मांगी। गौरतलब है कि प्रदेशभर में याशी कंसल्टेंसी एजेंसी प्रॉपर्टी सर्वे कर रही है। साल 2017 में नगर परिषद ने अपने स्तर पर सर्वे शुरू कराया था। लेकिन 2018 में मुख्यालय से याशी कंसल्टेंसी एजेंसी को ठेका देने के कारण नगर परिषद द्वारा कराए जा रहे सर्वे को बीच में रुकवाना पड़ा। याशी कंसल्टेंसी एजेंसी ने सर्वे समय पर पूरा नहीं किया। जिसके चलते तीन साल से नगर परिषद प्रॉपर्टी टैक्स के बिल जमा नहीं करा पाई। मौजूदा वित्त वर्ष में तीन करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स से जमा होने का लक्ष्य था। लेकिन बिल ना बंटने के कारण केवल एक करोड़ रुपये का टैक्स ही आया। वहीं पिछले दो साल के टैक्स समेत करीब नौ करोड़ रुपये नगर परिषद के अटक गए।
पिछले सर्वे से चार गुना महंगा
नगर परिषद ने शहर की प्रॉपर्टी जानने के लिए पिछला सर्वे प्रति यूनिट 68 रुपए में करवाया था। उस समय लगभग 53128 प्रॉपर्टी सर्वे में सामने आई थी, जिसके लिए नगर परिषद ने संबंधित फर्म को 36 लाख रुपए देने थे, लेकिन सर्वे पूरा नहीं होने के कारण नगर परिषद ने केवल 60 प्रतिशत (लगभग 20 लाख रुपए) की अदायगी फर्म को की। वहीं मुख्यालय की ओर से याशी कंसल्टेंसी एजेंसी से 268 रुपए प्रति यूनिट खर्च करके शहर में प्रॉपर्टी सर्वे भी करवाया जा रहा है। लेकिन सर्वे पर सवाल उठ रहे हैं और काफी खामियां सामने आ चुकी हैं।
नुकसान की भरपाई एजेंसी से की जाएगी
सर्वे में देरी की वजह से प्रॉपर्टी टैक्स के बिल नहीं बांट सके। जिससे नगर परिषद को आर्थिक नुकसान हुआ है। जिसकी भरपाई एजेंसी से की जाएगी। एजेंसी के साथ जो एग्रीमेंट हुआ था, उसमें सर्वे कितने समय में करना था और बाकी क्या-क्या शर्तें हैं। इसका अध्ययन करके आगामी कार्रवाई की जाएगी। बृहस्पतिवार को एजेंसी के प्रतिनिधि को बुलाया था, जिससे रिकॉर्ड मांगा गया है।