रोड सेफ्टी की बैठक में वादा करके भूल रहा एनएचआइ, अवैध कटों से जा रही जान
जींद में स्टेट हाईवे से नेशनल हाईवे बनने के बाद वाहनों की स्पीड के साथ सड़क हादसे भी बढ़ गए हैं। नेशनल हाईवे पर सड़क हादसों में मौत का आंकड़ा 108 फीसद की वृद्धि हुई।
जागरण संवाददाता, जींद : जिले में स्टेट हाईवे से नेशनल हाईवे बनने के बाद वाहनों की स्पीड के साथ सड़क हादसे भी बढ़ गए हैं। नेशनल हाईवे पर सड़क हादसों में मौत का आंकड़ा 108 फीसद की वृद्धि हुई। हादसे बढ़ने का मुख्य कारण नेशनल हाईवे पर बन रहे अवैध कट हैं। वीरवार रात को भी मार्ग के बीच में बनाए गए रास्ते को क्रास करते समय बाइक तीन युवक कार की चपेट में आने से मौत हो गई। साल दर साल इन अवैध कटों की संख्या बढ़ रही है। एक साल पहले जहां पर यह अवैध कटों की संख्या 24 के करीब थी, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 45 हो गई है। दोपहिया वाहन चालकों द्वारा इन अवैध कटों से मार्ग की दूसरी तरफ अचानक आने के कारण स्पीड में आ रहे वाहनों से टक्कर हो रही है, लेकिन नेशनल हाईवे इन अवैध कटों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। रोड सेफ्टी की तीन बैठकों से अवैध कटों का मामला उठ रहा है। जहां पर नेशनल हाईवे अथारिटी के कर्मचारी उस समय तो अधिकारियों के समक्ष 15 दिन में अवैध कटों को बंद करने का वादा कर लेते हैं, लेकिन बाद में इनको भूल जाती है। इसी लापरवाही का परिणाम है कि पिछले साढ़े आठ माह में जिले की सड़कों पर 245 सड़क हादसे हो चुके हैं। इसमें से आधे से ज्यादा सड़क हादसे नेशनल हाईवे पर हुए हैं। इन 245 सड़क हादसों में 120 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 238 लोग इन हादसों में घायल हो चुके हैं। जुलाई माह तक जिले में 194 सड़क हादसे हुए थे और इसमें 104 लोगों की जान गई थी, लेकिन अगस्त व 10 सितंबर तक 51 सड़क हादसे हो चुके हैं। इसमें 16 लोगों की जान गई है।
गांव के लिक मार्गो को जोड़ा हुआ है सीधे हाईवे से
नेशनल हाईवे बनाने के दौरान साथ लगते गांवों के रास्तों का ध्यान नहीं रखा गया है। दिल्ली-पटियाला नेशनल हाईवे पर अधिकतर गांव के लिक मार्गो को सीधे ही जोड़ दिया। अधिकतर गांव के लिक मार्गो को हाईवे से जोड़ने के लिए सर्विस लाइन नहीं बनाई गई है। इसके कारण लिक मार्ग से जैसे ही कोई वाहन हाईवे पर चढ़ता है तो स्पीड में आ रहे दूसरे वाहनों से टक्कर हो जाती है। गांव अमरहेड़ी व अहिरका के निकट गांव के खेतों के रास्ते कई जगह पर हाईवे से जुड़े हुए है। वहीं कई जगह पर हाईवे के बीच में बनाए गए डिवाइडर को लोगों ने तोड़कर रास्ता बना लिया है। डिवाइटर के ऊपर से इधर से उधर वाहन निकलने से भी सड़क हादसे बढ़ रहे हैं।
स्टेट हाईवे पर कम हो रहे हादसे
नेशनल हाईवे पर दुर्घटनाएं व मौत बढ़ रही हैं। जनवरी से अगस्त के बीच पिछले साल के मुकाबले 127 फीसद दुर्घटनाएं हाईवे पर बढ़ी हैं। अन्य मार्गो पर 22 फीसद हादसे बढ़े। इसी प्रकार से नेशनल हाईवे पर पिछले साल के मुकाबले 108 फीसद मौत बढ़ी है, जबकि अन्य मार्गों पर 26 फीसद हादसे बढ़ चुके हैं। स्टेट हाईवे पर मौत का आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले 28 प्रतिशत कम हुआ है।
सदर थाना क्षेत्र में हो रहे सबसे ज्यादा सड़क हादसे
जिले में सबसे ज्यादा सड़क हादसे सदर थाना जींद क्षेत्र में हो रहे है। सदर थाना के अंतर्गत शहर के आसपास के गांवों आते हैं। दस सितंबर तक पुलिस द्वारा दर्ज 245 सड़क हादसों के मामले दर्ज किए हैं। इसमें से अकेले जींद सदर थाना पुलिस ने 58 मामले दर्ज किए हैं। इसके बाद उचाना थाना पुलिस ने 25, अलेवा में 12, सफीदों शहर थाना पुलिस ने 11, जींद सिविल लाइन थाना पुलिस ने 19, गढ़ी थाना पुलिस ने 16, जींद शहर थाना पुलिस ने 20, जुलाना थाना पुलिस ने 17, शहर थाना नरवाना पुलिस ने 14, सदर थान नरवाना पुलिस ने 19, पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस ने 16, सफीदों सदर थाना पुलिस ने 18 सड़क हादसों के मामले दर्ज किए हैं।
डीटीओ की लगाई जिम्मेदारी
नेशनल हाईवे पर अवैध कटों को बंद करने के लिए नेशनल हाईवे को आदेश दिए गए हैं। अवैध कटों का सर्वे करने के लिए डीटीओ की जिम्मेदारी लगाई गई है। जहां पर लोगों द्वारा बार-बार अवैध कट बनाए जाते हैं, उन जगह पर रेलिग लगाई जाएगी। गांव के लिक मार्गो को जोड़ने वाले रास्तों के पास सर्विस रोड बनाए जाएंगे।
नरेश नरवाल, डीसी जींद