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मरीजों के लिए राहत की खबर, दो विशेषज्ञ सहित तीन चिकित्सक मिले

जींद में चिकित्सकों की कमी की मार को झेल रहे नागरिक अस्पताल में राहत की खबर है। अस्पताल को तीन डाक्टर मिले हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 07:25 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 07:25 AM (IST)
मरीजों के लिए राहत की खबर, दो विशेषज्ञ सहित तीन चिकित्सक मिले
मरीजों के लिए राहत की खबर, दो विशेषज्ञ सहित तीन चिकित्सक मिले

जागरण संवाददाता, जींद : चिकित्सकों की कमी की मार को झेल रहे नागरिक अस्पताल में राहत की खबर आई है। अस्पताल को तीन चिकित्सक मिले हैं। इसमें एक सर्जन, कान व गले का विशेषज्ञ चिकित्सक मिला है। पीएमओ (प्रिसिपल मेडिकल आफिसर) डा. मनजीत सिंह का तबादला होने के बाद उनकी जगह पर रोहतक के सिविल सर्जन डा. अनिल बिरला ने कार्यभार संभाला है। अनिल बिरला सर्जन हैं और पहले लंबे समय तक नागरिक अस्पताल में सेवाएं दी थी। डा. अनिल बिरला पहले नागरिक अस्पताल के एमएस थे। यहां से प्रमोशन मिलने के बाद रोहतक में सिविल सर्जन बने थे। नागरिक अस्पताल में एमएस होते ही भी डा. अनिल बिरला सर्जरी करते थे। हालांकि पहले से ही डा. चंद्रमोहन सर्जन हैं, लेकिन उनके ऊपर सर्जरी का ज्यादा लोड है और सर्जरी करवाने वाले को दो माह की वेटिग चल रही है। 40 माह से खाली पड़े ईएनटी विशेषज्ञ के पद पर भिवानी ट्रांसफर होकर मेडिकल आफिसर डा. बृजेंद्र सिंह ने बुधवार को ड्यूटी ज्वाइन कर ली। वहीं कैथल के कार्यकारी सिविल सर्जन डा. सैलेंद्र सिंह का तबादला भी नागरिक अस्पताल में हुआ है। डा. सैलेंद्र सिंह कैथल से रिलीव हो चुके हैं, लेकिन उन्होंने बुधवार को ड्यूटी ज्वाइन नहीं की है।

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55 चिकित्सकों की जगह पर 18 चिकित्सक ही थे तैनात

जिला मुख्यालय पर बने 200 बेड के अस्पताल में 55 चिकित्सकों के पद हैं, लेकिन यहां पर केवल 18 चिकित्सक ही तैनात थे। इसमें से छह चिकित्सकों की ड्यूटी तो इमरजेंसी सेवाएं चलाने में ही लगी हुई है। जबकि तीन सीनियर चिकित्सकों को दूसरे चार्ज भी दिए हुए हैं। इसके छह चिकित्सक ही नागरिक अस्पताल की करीब एक हजार ओपीडी को संभाल रहे थे, लेकिन अब तीन नए चिकित्सक मिलने के कारण मरीजों को राहत मिलेगी।

मेडिकल बोर्ड भी नहीं हो रहा था पूरा

नागरिक अस्पताल में प्रत्येक बुधवार को दिव्यांग मेडिकल कैंप लगाया जाता है, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण बोर्ड पूरा नहीं हो पता था। इसके कारण दिव्यांगों को मेडिकल कालेज अग्रोहा व खानपुर रेफर किया जाता था। इसमें सबसे ज्यादा दिक्कत ईएनटी सर्जन का पद खाली होने के चलते आ रही थी, क्योंकि अधिकतर दिव्यांग की कानों की दिक्कत आते थे। अब ईएनटी सर्जन डा. बृजेंद्र की नियुक्ति के बाद दिव्यांगों को भी राहत मिलेगी।

सिविल सर्जन का पद अब भी खाली

डा. मनजीत सिंह का तबादला सिरसा होने के बाद डा. अनिल बिरला ने बुधवार को प्रिसिपल मेडिकल आफिसर का पद संभाल लिया, लेकिन सिविल सर्जन का पद अब भी खाली रह गया है। पिछले माह सिविल सर्जन के पद पर पंचकूला से डा. विवेक भादू को नियुक्ति दी थी, लेकिन उन्होंने यहां पर ड्यूटी ज्वाइन नहीं की और उनके तबादले के आदेश रद हो गए। सिविल सर्जन का पद खाली होने के चलते विभाग ने अब रोहतक के सिविल सर्जन डा. आरएस पूनिया को जींद का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।


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