खानपुर पीजीआइ भेजा नवीन का शव, वीडियोग्राफी और स्वजनों की मौजूदगी में होगा पोस्टमार्टम
जागरण संवाददाता जींद नरवाना के गांव सुंदरपुर के युवक नवीन का शव नहर में मिलने के माम
जागरण संवाददाता, जींद : नरवाना के गांव सुंदरपुर के युवक नवीन का शव नहर में मिलने के मामले में वीरवार को भी सिविल अस्पताल में स्वजनों और ग्रामीणों का धरना जारी रहा। स्वजनों का आरोप है कि नवीन की हत्या कर उसके शव को नहर में फेंका गया है। शव के पोस्टमार्टम के लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट को सिविल अस्पताल में ही बुलाने की मांग पर अड़े स्वजनों ने एसपी वसीम अकरम के आश्वासन पर शव को पोस्टमार्टम के लिए खानपुर पीजीआइ भेज दिया। खानपुर पीजीआई मे नवीन के शव का पोस्टमार्टम स्वजनों की मौजूदगी में होगा और इसकी वीडियोग्राफी करवाई जाएगी। स्वजनों ने यह भी कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो शव को पोस्टमार्टम के बाद वापस जींद के सिविल अस्पताल में लाया जा सकता है। तनावपूर्ण हालातों को देखते हुए सिविल अस्पताल में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
----------
यह था पूरा मामला
गांव सुंदरपुरा निवासी 21 वर्षीय नवीन गांव के ही जोगेंद्र के पास मजदूरी करता था। जहां पर गांव लोधर निवासी गुरदेव राजमिस्त्री का कार्य कर रहा था। 12 जुलाई को जोगेंद्र नवीन को अपने साथ ले गया था। इसके बाद नवीन घर वापस नहीं लौटा और 13 जुलाई की शाम को नवीन का शव भाखड़ा ब्रांच नहर से बरामद हुआ था। नवीन की मां संतोष ने आरोप लगाया कि गांव के ही जोगेंद्र तथा लोधर निवासी राजमिस्त्री गुरदेव ने उसके बेटे की हत्या कर नहर में फेंका है। शव मिलने से पूर्व सदर थाना नरवाना पुलिस ने संतोष की शिकायत पर जोगेंद्र तथा गुरदेव के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया था। शव बरामद होने के बाद पुलिस ने अपहरण के साथ दोनों के खिलाफ हत्या, शव को खुर्द बुर्द करने तथा एससी एसटी एक्ट की धाराएं भी जोड़ दी थी। बुधवार को नवीन के शव का पोस्टमार्टम किया जाना था लेकिन स्वजनों ने कहा कि फोरेंसिक टीम को जींद में बुलाने की मांग की और सिविल अस्पताल में ही धरने पर बैठ गए। वीरवार को एसपी वसीम अकरम स्वजनों से मिलने पहुंचे और उन्होंने सही कार्रवाई का आश्वासन दिया। पुलिस के स्तर की सभी डिमांड भी पूरी करने की बात एसपी ने कही। इसके बाद स्वजनों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए पीजीआइ खानपुर भेज दिया।
मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. गोपाल गोयल ने बताया कि पानी में रहने के कारण डेडबाडी की हालत को देखते हुए तीन सदस्यीय चिकित्सक बोर्ड का गठन किया गया था। लेकिन फोरेंसिक एक्सपर्ट न होने के कारण शव को पीजीआइ खानपुर रेफर किया गया था।