सांसद ने जलभराव को लेकर अधिकारियों की ली क्लास, लगाई लताड़
संवाद सूत्र, जुलाना : प्रशासनिक अमले के साथ सांसद रमेश कौशिक ने जुलाना क्षेत्र के शामलो कलां,
संवाद सूत्र, जुलाना : प्रशासनिक अमले के साथ सांसद रमेश कौशिक ने जुलाना क्षेत्र के शामलो कलां, गतौली, निडाना, ढिगाना, करसोला, लिजवाना खुर्द, फतेहगढ़, नंदगढ सहित दर्जनों गांवों का दौरा किया। सांसद ने अधिकारियों को पानी निकासी में देरी पर लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि हर वर्ष जुलाना में फसल डूबती है इसका उसे स्थाई समाधान चाहिए। जुलाना मार्केट कमेटी कार्यालय में अधिकारियों की बैठक सांसद रमेश कौशिक ने ली। सांसद के सामने अधिकारी एक दूसरे को जलभराव को लेकर दोषी ठहराने लगे। ¨सचाई विभाग के एसई ने बिजली विभाग के एसई को जलभराव का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बिजली सात या आठ घंटे कट मारती है। खराब होने पर निगम के कर्मचारी बिजली को ठीक नहीं करते। इरीगेशन विभाग के एसई ने कहा कि जिन मोटरों एवं पंपों से पानी निकाला जा रहा है वह काफी पुरानी है जो ठीक ढंग से नहीं चल रही हैं। नई मोटर व पंप खरीदने कि आवश्यकता है। पौली गांव में एक एकड़ जमीन पर ड्रेन की खुदाई नहीं होने से हर वर्ष डूब रही करीब 800 एकड़ फसल पर के जवाब में अधिकरियों से जवाब मांगते सांसद ने कहा कि तुम्हारा तो कुछ बिगड़ता नहीं तुम्हें वेतन समय पर मिल जाता है मगर वह किसान क्या करेंगे जिनकी हर वर्ष फसल डूब जाती है। सांसद ने तुरंत एक एकड़ ड्रेन खुदाने के आदेश अधिकारियों को दिए। सांसद ने कहा कि किसान अपना ट्रैक्टर लगाकर पानी की निकासी करे और 400 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से रुपए दिए जाएंगे। हर गांव की गिरदावरी करवाकर किसानों को 20 दिनों के अंदर मुआवजा दे दिया जाएगा। जिन किसानों की गेहूं की फसल बिजाई नहीं होगी उसको भी मुआवजा दिया जाएगा। शामलो कलां पंप हाऊस की क्षमता बढ़ाई जाएगी ताकि जलभराव नहीं हो सके। इस अवसर पर उनके साथ एसडीएम विरेंद्र सहरावत, निगरानी कमेटी के प्रमुश सतीश सांगवान, मार्केट कमेटी के चेयरमैन विष्णु शर्मा सहित दर्जनों किसान मौजूद थे।
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ग्रामीणों ने कहा कि पिछले वर्ष भी सांसद ने किया था जलभराव का स्थाई इलाज का वायदा
सांसद दौरे के दौरान किसानों ने कहा था कि पिछले वर्ष भी जुलाना में जलभराव हुआ था। उस समय भी सांसदों ने क्षेत्र का दौरा कर अधिकारियों को समस्या का स्थाई समाधान करने के आदेश दिए थे। एक वर्ष बीतने के बाद भी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। इस वर्ष भी प्रशासन की कमी के कारण किसानों की हजारों एकड़ फसल जलमग्न हो गई। ग्रामीणों ने कहा कि सब राजनीतिक अपनी रोटी सेकने आते हैं उनका किसानों की समस्या से काई लेना देना नहीं है।
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सरपंच एसोसिएशन के जिला प्रधान राजेश गोयत ने कार्यक्रम में कहा कि जिले के उपायुक्त और एसडीएम तो जलभराव को लेकर पूरी तरह सचेत और लगन् से काम कर रहे हैं लेकिन बाकि बचे हुए कर्मचारी और अधिकारियों को किसानों के हितों की कोई परवाह नही है। सांसद से मांग की गई है कि जलभराव को लेकर जल्द से जल्द खेतों की गिरदावरी करवाई जाए और किसानों को मुआवजा दिया जाए।