फसल बचाने के साथ नस्लें बचाने के लिए आंदोलन जरूरी: कोहाड़
बद्दोवाल धरने पर पहुंचे अभिमन्यु कोहाड़ सरकार के साथ बातचीत में होते हैं शामिल फोटो 3
बद्दोवाल धरने पर पहुंचे अभिमन्यु कोहाड़, सरकार के साथ बातचीत में होते हैं शामिल
फोटो: 30, 31
संवाद सूत्र, नरवाना : कृषि कानूनों के विरोध में बद्दोवाल धरनास्थल पर किसानों का कारवां भी बढ़ता जा रहा है। किसान आंदोलन को समर्थन देने वाले में सर्व कर्मचारी संघ, डा. आंबेडकर युवा संगठन आदि सहित अनेक संगठन शामिल हो रहे हैं। रविवार को किसानों को संबोधित करने के लिए सरकार के साथ 40 सदस्यीय किसान प्रतिनिधिमंडल में शामिल राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिमन्यु कोहाड़ भी बद्दोवाल टोल पर पहुंचे।
अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि फसल बचाने के साथ आने वाली नस्लों को बचाने के लिए आंदोलन जरूरी है। किसान अपनी फसल बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। दस दौर की वार्ता के बाद भी सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है, लेकिन किसान भी कृषि के काले कानूनों को रद करवाए बिना पीछे नहीं हटेंगे। कोहाड़ ने कहा कि किसान समाज निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है और उसकी जीत निश्चित है। किसानों के शांतिप्रिय आंदोलन की चर्चा विदेशों में भी है, इसलिए उनका मकसद पूरा होने वाला है और सरकार को झुकने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा की नीति धर्म, जाति के नाम पर लड़ाने की रही है। उन्होंने कहा कि देश का नौजवान सोचता है कि न तन चाहिए, न धन चाहिए, देश तरक्की करे, ऐसा देश का तिरंगा चाहिए। अभिमन्यु ने कहा कि सरकार हिसा चाहती है। उन्होंने सरकार को खुली चुनौती देते हुए कहा कि वो लाठियां बरसाएं, गोली मारे, लेकिन किसान अपना सिर कटा लेंगे, लेकिन पीछे नहीं हटेंगे। वो आंदोलन जीतकर ही जाएंगे या उनका पार्थिव शरीर ही घर वापस जाएगा। इस अवसर पर मा. बलबीर सिंह, होशियार खरल, रणधीर मोर, ईश्वर सच्चाखेड़ा, इंद्र श्योकंद, सुनील बद्दोवाल, सतबीर गुलाडी, काशीरत्न बौद्ध धम्म, सुलेख मानव, कप्तान बौद्ध, सत्यवान नैप, मीना श्योकंद वकील सहित अनेक किसान शामिल रहे।
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100 ट्रैक्टरों के काफिले के साथ पहुंचे उझाना वासी
26 जनवरी को दिल्ली में की जाने वाली ट्रैक्टर परेड को सफल बनाने के लिए गांव उझाना के किसान शहीद किसान यात्रा के 100 ट्रैक्टरों के काफिले के साथ बद्दोवाल टोल धरने पर पहुंचे। धरने में पहुंचे जम्मू कश्मीर के तनवीर अहमद ने कहा कि देश को जोड़ने का कार्य किसान कर रहे हैं, लेकिन देश की गूंगी-बहरी सरकार देश के अन्नदाता को मारने पर तुली हुई है। सरकार गलत तरीके अपना रही है, देश के किसान को कमजोर करना चाहती है, लेकिन किसान उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे और अमन-शांति के साथ आंदोलन जीतेंगे।