जींद में ज्यादा वोट लेकर मिढ़ा ने गुप्ता को दी पटखनी
भाजपा प्रत्याशी डॉ. कृष्ण मिढ़ा ने एक बार फिर विधानसभा की राह पकड़ ली है। जींद उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल करने वाले डॉ. कृष्ण मिढ़ा ने इस बार फिर जीत हासिल की और जेजेपी प्रत्याशी महावीर गुप्ता को 12476 वोटों से चित किया।
कर्मपाल गिल, जींद
भाजपा प्रत्याशी डॉ. कृष्ण मिढ़ा ने एक बार फिर विधानसभा की राह पकड़ ली है। जींद उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल करने वाले डॉ. कृष्ण मिढ़ा ने इस बार फिर जीत हासिल की और जेजेपी प्रत्याशी महावीर गुप्ता को 12476 वोटों से चित किया। उपचुनाव में मिढ़ा ने 12,935 वोटों से जीत दर्ज की थी। मिढ़ा की जीत में शहरी वोटर फिर निर्णायक साबित हुए। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अंशुल सिगला की जमानत जब्त हो गई। उन्हें मात्र 7927 वोट मिले।
वोटों की गिनती शुरू होने पर पहले राउंड में जेजेपी के महावीर गुप्ता ने 946 वोटों की बढ़त बनाई थी। इस राउंड में गांवों के वोट थे। गांवों से ही जेजेपी को कम लीड मिलने पर मिढ़ा की जीत तय हो गई थी। मिढ़ा को उपचुनाव की तरह गांवों में भी खूब वोट मिले। पहले राउंड में जेजेपी की कम लीड मिलने से ही मिढ़ा और भाजपा समर्थकों के चेहरों पर खुशी छा गई थी। तीन राउंड में ज्यादातर गांवों की गिनती पूरी हो चुकी थी, लेकिन गुप्ता की बढ़त 2347 थी। चौथे राउंड में जब शहर की गिनती शुरू हुई, तब मिढ़ा ने 1542 वोटों की बढ़त हासिल कर ली। इसके बाद अगले सभी राउंड शहर के थे। इनमें मिढ़ा की लीड का अंतर लगातार बढ़ता गया। छह राउंड में मिढ़ा की बढ़त 9064 पहुंच गई थी। शहर के राउंड आगे बढ़ने के साथ ही जेजेपी समर्थकों के चेहरे मुरझाने लग गए थे। मतदान से पहले भाजपा के दो सर्वे में ही मिढ़ा की जीत पक्की थी। इसलिए मिढ़ा के चुनाव प्रचार के लिए जींद में कोई जनसभा नहीं हुई थी। मुख्यमंत्री ने भी जन आशीर्वाद यात्रा के बाद जींद में कोई जनसभा नहीं की थी। वहीं, जेजेपी प्रत्याशी महावीर गुप्ता की राजनीतिक छवि मजबूत नहीं थी। आम लोगों को महावीर गुप्ता स्वीकार नहीं हुए। वोटरों का कहना है कि मांगेराम गुप्ता के मंत्री रहने के दौरान महावीर गुप्ता लोगों का दिल नहीं जीत सके। उनके रुखे व्यवहार के कारण लोग उनसे जुड़ नहीं सके। यही कारण था कि उपचुनाव में भाजपा व जेजेपी मांगेराम गुप्ता को टिकट देने की इच्छुक थी, लेकिन महावीर गुप्ता पर दांव खेलने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ था। दूसरा जेजेपी काडर से जुड़ा न होने के कारण भी पार्टी के लोग दिल से उनके साथ नहीं लगे। महावीर गुप्ता को टिकट देने के कारण जेजेपी से जुड़े पार्षद प्रवीन बैनीवाल, विजेंद्र रेढू, अशोक लीलू, लक्ष्मीनारायण बंसल समेत काफी नेता चुनाव प्रचार से दूर रहे।
-------------
किसको कितने वोट मिले
डॉ. कृष्ण मिढ़ा, भाजपा -58180
महावीर गुप्ता, जेजेपी -45705
अंशुल सिगला, कांग्रेस -7927
-------------
मिढ़ा की जीत के कारण
1. उपचुनाव की जीत का माहौल कायम रहना। शहर से अच्छी बढ़त लेना।
2. सामाजिक, व्यावहारिक व मृदुभाषी व्यवहार। लोगों से नजदीकी रखी।
3. चुनाव मैदान में मजबूत विरोधी नहीं होना। इस कारण खूब वोट मिले। महावीर की हार के कारण
1. राजनीतिक छवि मजबूत न होना। मजबूती से चुनाव न लड़ना।
2. जेजेपी के संगठन से न होकर पैराशूट प्रत्याशी का आना।
3. टीम वर्क का अभाव। कुछ नेताओं का सक्रिय न होना। कामयाब रणनीति
डॉ. कृष्ण मिढ़ा ने शहर के गढ़ को मजबूत बनाया और गांवों में भी वोट बढ़ाए। भीतरघात के बावजूद नाराज लोगों को मनाने में कामयाब रहे।