धौली की जमीन वापस लेने के विरोध में एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
ब्राह्मण सभा जींद ने सोमवार को उपमंडल अधिकारी के माध्यम से राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया।
जागरण संवाददाता, जींद : ब्राह्मण सभा जींद ने सोमवार को उपमंडल अधिकारी के माध्यम से राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया। इसमें मांग की गई कि धौलीदार, भूमिदार भोंडेदार और मुकरीदार को वर्ष 2011 में तत्कालीन हुड्डा सरकार ने मालिकाना हक दिया था, उस कानून को निरस्त न करते हुए यथावत जारी रखा जाए। बरसों से इस जमीन पर काबिज परिवार खेती करके अपना गुजर बसर कर रहे हैं, जो इस कानून के निरस्त करने से सड़कों पर आ जाएंगे।
ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष भगवान दत्त शर्मा ने बताया कि पहले धार्मिक प्रवृत्ति या धनाढ्य लोग मंदिर या ब्राह्मणों को जमीन दान कर देते थे। लेकिन उस भूमि की रजिस्ट्री या इंतकाल नहीं करवाया गया। इस जमीन को धौली की जमीन कहा जाता है। आजादी के बाद दानवीरों के वंशज लालच में आ गए। राजस्व रिकॉर्ड में जमीन उनके नाम थी, इसलिए धौलीदारों को खदेड़ा जाने लगा। इन धौलीदारों की समस्या के मद्देनजर 2011 में तत्कालीन भूपेंद्र हुड्डा सरकार ने कानून बनाकर धौलीदार, भूमिदार भोंडेदार और मुकरीदार को राहत दी थी। इस कानून को वेस्टिग ऑफ प्रोपर्टी राइटस 2011 कहा गया। जून 2011 में इसका नोटिफिकेशन भी कर दिया गया था, जिसके तहत 500 रुपये प्रति एकड़ फीस भरकर जमीन का मालिकाना हक इन्हें दिया गया था। अब वर्तमान सरकार इसके साथ छेड़छाड़ कर रही है। जमीन वापस ली गई तो ब्राह्मण समाज आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगा। इस अवसर पर ब्राह्मण सभा के महासचिव ओम नारायण शर्मा, रामफल शास्त्री, भाल चर्न्द शर्मा, पूर्व अध्यक्ष राजेश गौतम, पूर्व चेयरमैन विनोद आशरी, महाबीर शर्मा, रामफल शर्मा किनाना, सफीदों ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष सुल्तान शर्मा, ओम प्रकाश सुल्चानी, रामकुमार भाग खेड़ा, आईडी कौशिक, सोमदत्त शर्मा, सुनील वशिष्ठ, राजेश भारद्वाज, संजय शर्मा उपस्थित रहे।